अतिक्रमण कार्यवाही को लेकर क्यों किया जा रहा भेदभाव, शहर में सीएचएमओ कार्यालय सहित जगह-जगह पसरे अतिक्रमण पर क्यों निगाहे चुरा रही नपा

बालाघाट. शहर की सौन्द्रर्यता और सड़कों की चौड़ाई कम करने में अतिक्रमण सबसे बड़े बाधक बने है, लेकिन जिलो में वर्षो से अतिक्रमण की स्थायी समस्या को हल करने के लिए कभी कोई सार्थक प्रयास नहीं किये गये, जिसके कारण अतिक्रमण की कार्यवाही होती रही और बाद में चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात की कहावत की तरह अतिक्रमण अपने पैर पसराता रहा. फिर एक बार शहर में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही जोर पकड़ रही है. जिसकी शुरूआत उत्कृष्ट विद्यालय की बाउंड्रीवाल से लगे कपड़ा, चश्मा, फ्रेमिंग सहित अन्य फुटपाथ दुकानों को हटाये जाने से हो गई है, लेकिन नपा की अतिक्रमण हटाओं की कार्यवाही भेदभाव पूर्ण नजर आ रही है. जबकि शहर में ऐसे कई बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने अपने पैर पसार रखे है, जिस पर नपा की निगाहें आखिर क्यों नहीं जा रही है? यह समझ से परे है.

तत्कालीन कांग्रेस शासनकाल में किये गये अतिक्रमण से शहरी की बेशकीमती जमीनों से अतिक्रमण हटाया गया था लेकिन सरकार बदलने के बाद उस जगह पर फिर अतिक्रमणकारियो का कब्जा हो गया है. उदाहरण के तौर पर जनपद पंचायत कार्यालय के समीप की बेशकीमती जगह पर अतिक्रमणकारियों ने फिर अपना कब्जा कर लिया है, बनिस्मत ऐसी ही स्थिति सीएचएमओ कार्यालय परिसर, गुजरी मार्ग पर दिखाई देती है. चूंकि अतिक्रमण हटाने के बाद नपा इसी से इतिश्री कर लेती है, जिसका फायदा अतिक्रमणकारी उठाते है, वहीं दूसरी ओर अतिक्रमण कर फुटपाथ में दुकान लगाने वालो के लिए कोई स्थायी जगह अब तक चयनित नहीं हो सकी है, जिसके कारण अतिक्रमणकारी, जहां खाली जगह दिखाई देती है, वहीं अपना अतिक्रमण पसार लेते है, जिसकी देखादेखी अन्य लोग भी अतिक्रमण को बढ़ावा देत है, लेकिन अतिक्रमण न बढ़े और शहर के अतिक्रमणकारियों को एक व्यवस्थित कर शहर में अतिकमण को रोका जा सके, इसके लिए कोई योजना कभी बनाई ही नहीं, जिसके कारण शहर अतिक्रमण के मकड़जाल में फंसा है, जिससे न केवल शहर की सौन्द्रर्यता पर ग्रहण लगा है बल्कि इससे आवागमन पर भी विपरित असर पड़ रहा है.

क्या यह अतिक्रमण नहीं

शहर के मेनरोड से लेकर सर्किट हाउस मार्ग और जयस्तंभ चौक सहित स्टेडियम मार्ग पर छोटे-छोटे ठेले, रोजाना ही नजर आते है, इसके अलावा इस मार्ग पर स्थित बड़े दुकानदारों ने अपनी दुकानों के पब्लिसिटी के लिए सड़क से लगकर लोहे के बोर्ड लगा रखे है, जो भी अतिक्रमण है, लेकिन नपा को यह अतिक्रमण दिखाई नहीं देता है, जिससे लगता है कि नपा की जिस अतिक्रमणकारियों से सांठगांठ नहीं हो पा रही है, केवल वहीं अतिक्रमण, नपा की नजरों में आ रहा है, जबकि शहर के मेनरोड से लेकर सर्किट हाउस मार्ग और प्रमुख चौराहो पर देखे तो सड़को से लगकर चौपाटी सजाई जा रही है, दुकानदारों ने अपने बोर्ड और बिक्री का सामान सड़को तक ला दिया है, लेकिन वह नजर नहीं आ रहा है.

भेदभाव का आरोप 

जिन अतिक्रमणकारियों को नपा ने अतिक्रमण मानते हुए हटाने का आदेश दिया है, वह अतिक्रमणकारी रविवार को अपना अतिक्रमण, प्रशासन का सहयोग करते हुए निकालते दिखाई दिये. उनका कहना है कि जो उम्मीद प्रशासन और नेताजी से थी, वह उम्मीद टूटी है, जब प्रशासन के मुखिया कलेक्टर और आयोग अध्यक्ष गौरीभाऊ ने हमे भरोसा दिलाया था कि उनकी दुकानों को नहीं हटाया जायेगा फिर कैसे नपा ने सख्त निर्देश देते हुए अतिक्रमण नहीं हटाने पर जेसीबी चलाने का आदेश दिया. मो. शहीद खान और मेजर शबिर की मानें तो प्रशासन उन्हें कोई लीज की जगह उपलब्ध करवाये और उन्हें विस्थापित करें, अन्यथा एक बार फिर वह बेरोजगार हो गये है, ऐसे में अब परिवार का जीविकोपार्जन कैसे होगा, यह समस्या खड़ हो गई है.

पथविक्रेताओं को लेकर मूकदर्शक बना प्रशासन और जनप्रतिनिधि

एक ओर सरकार पथ विक्रेताओं को उनकी दुकानदारी चलाने के लिए मदद कर रही है, वहीं दूसरी ओर शहर में पथ विक्रेताओं को अतिक्रमण के नाम पर मनमर्जी से उठाने का काम चल रहा है, जिससे सवाल खड़े होना लाजिमी है. नगर के उत्कृष्ट विद्यालय के बाउंड्रीवाल से लगकर जीविकोपार्जन के लिए फुटपाथ पर दुकान लगा रहे पथ विक्रेताओं को हटाकर नपा, यदि अतिक्रमण हटाने का श्रेय ले रही है तो उस पर कई सवाल भी खड़े हो रहे है. नगरीय क्षेत्र में पोस्ट ऑफिस के सामने के अतिक्रमण से लेकर नगरपालिका के सामने और उससे सटी दुकानदारों ने निर्धारित दुकान से ज्यादा जगह पर अतिक्रमण किया है तो फिर उन पर क्या, कब और कैसे कार्यवाही होगी, इसका जवाब अतिक्रमण के नाम पर हटाये गये पथ विक्रेता और शहर का नागरिक जानना चाहता है.


Web Title : WHY DISCRIMINATION OVER ENCROACHMENT PROCEEDINGS, WHY NAPPA IS STEALING EYES ON ENCROACHMENTS SPREAD ING EVERYWHERE INCLUDING CHMO OFFICE IN THE CITY