बंगाली परंपरा के साथ 1964 से नगर में बंगाली समाज विराजित कर रहा मां की प्रतिमा, बच्चो के साथ मायके पहुंची मां की हो रही विशेष पूजा आराधना

बालाघाट. मुख्यालय सहित पूरे जिले में बंगाली समाज के परिवार निवास करते है. जो प्रतिवर्ष नवरात्र पर बंगाल में मनाये जाने वाले नवरात्र की परंपरा का निर्वहन करते हुए मुख्यालय में नवरात्र की षष्ठी पर मातारानी की प्रतिमा विराजित कर नवमी तक विशेष पूजा अर्चना करते है.  

कार्यवाहक जिलाध्यक्ष मनीष चक्रवती की मानें तो मुख्यालय में बंगाली समाज नवरात्र की अपनी परंपराओं का निर्वहन करते हुए आधुनिकता से दूर वर्ष 1964 से मुख्यालय में प्रतिमा स्थापना कर रहा है. जिसका जिले की धर्मप्रेमी जनता को बेसब्री से इंतजार रहता है. उन्होंने बताया कि बंगाली समाज की परंपरा में षष्ठी का विशेष महत्व होता है, इस दिन मां अपने संतान के लिए वरदान मांगती है. उन्होंने कहा कि बंगाली समाज में दिन और समय का विशेष महत्व होता है. अष्टमी के दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है, जो लगभग चार घंटे की होती है, जहां दीप और कमल से पांच फलो का बलिदान दिया जाता है. मा का पृथ्वीलोक मायका है, जो अपने बच्चो के साथ मायके में आती है. इसी थीम के साथ मां की प्रतिमा के साथ ही भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, कार्तिकेय और सरस्वती की प्रतिमा विराजित की गई है.  

कोषाध्यक्ष सुधीर राय ने बताया कि इस वर्ष बंगाली समाज द्वारा विराजित की जाने वाली नवरात्र का यह 59 वां वर्ष है. समाज सतत रूप से मां की आराधना करते चला आ रहा है. जिसमें पूरी बंगाली समाज की संस्कृति का पालन करते हुए परंपरागत तरीके से मां की आराधना और उपासना की जाती है, ताकि आने वाली पीढ़ी भी अपनी संस्कृति और परंपरा का पालन कर उसे लेकर चले.  

गौरतलब हो कि प्रतिवर्ष शारदेय नवरात्र में बंगाली समाज द्वारा विराजित की जाने वाली प्रतिमा का शहरवासियों को बेसब्री से इंतजार होता है. जिसकी स्थापना के बाद ही शहरवासी शहर में मां के दर्शनार्थ करने घरो से बाहर निकलते है. प्रतिवर्ष यहां विराजित की जाने वाली मां की मनोहारी प्रतिमा का निर्माण कलकत्ता के कलाकार करते है. इस वर्ष मूर्तिकार समीर विश्वास द्वारा निर्मित की गई है. वहीं पुजारी सुंदन वन भी कलकत्ता से ही पूजा कराने आये है. जहां मां का सुंदर और आकर्षक दरबार नगर के सांईबाबा डेकोरेशन द्वारा किया गया है.


Web Title : WITH THE BENGALI TRADITION, THE BENGALI SOCIETY HAS BEEN INSTALLING THE STATUE OF THE MOTHER IN THE CITY SINCE 1964, SPECIAL WORSHIP OF THE MOTHER REACHED THE MATERNAL HOME WITH THE CHILDREN.