मुख्यालय में उत्साह से मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस, शहर में निकली सामाजिक रैली, आज भी आदिवासी समाज शोषित एवं वंचित-धुर्वे

बालाघाट. प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आदिवासियों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन बालाघाट मुख्यालय में आदिवासी विकास परिषद की अगुवाही में किया गया.  

9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर प्रातः 7 बजे रानी दुर्गावती चौक पर गोंगो, प्रातः 10 बजे नगर में रैली, दोपहर 2. 30 बजे कार्यक्रम स्थल वीरांगना रानी दुर्गावती सामुदायिक भवन में महापुरूषों के छायाचित्र पर माल्यार्पण, अतिथियों का सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, मंचीय उद्बोधन एवं पारितोषिक वितरण के साथ विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का समापन किया गया.  

गौरतलब हो कि आदिवासियों के विशिष्ट जीवन शैली के महत्व को बरकरार रखने संयुक्त राष्ट्रसंघ की घोषणानुरूप 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आदिवासी विकास परिषद द्वारा विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया. जिसमें तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किये गये. जिसके तहत 7 अगस्त को प्रथम दिन पर मैराथन दौड़, 8 अगस्त को दूसरे दिन रक्तदान और अस्पताल एवं वृद्धाश्रम में फल वितरण तथा 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर गोंगो के बाद वीरांगना रानी दुर्गावती चौक से जिले भर से विश्व आदिवासी दिवस मनाने पहुंचे, आदिवासी बंधुओं द्वारा नगर में रैली निकाली गई. जो शहर के प्रमुख मार्गो से होकर रानी दुर्गावती भवन पहुंची, जहां मंचीय कार्यक्रम आयोजित किये गये.  

इस अवसर पर आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने बताया कि विगत 14 साल से विश्व आदिवासी दिवस को पर्व के रूप में जिले का आदिवासी समाज मनाता आ रहा है, लेकिन यह विडंबना है कि बड़े राजनीतिक दलों की सरकारों के बावजूद प्रदेश और जिले के आदिवासी, मुख्यधारा से आज तक जुड़ नहीं पाये है. आज भी आदिवासियों के उत्थान और विकास की योजनायें, कागजो पर ज्यादा और जमीनी धरातल पर नहीं. जिससे आदिवासी समाज, आज भी वंचित और पिछड़ापन का शिकार है. आजादी के 75 साल में, आज भी आदिवासी समाज, समस्याओं से ग्रसित है. यह दुर्भाग्य है कि आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित नहीं किया गया.  


Web Title : WORLD TRIBAL DAY CELEBRATED WITH ENTHUSIASM AT HEADQUARTERS, SOCIAL RALLY IN CITY, TRIBAL SOCIETY EXPLOITED AND DEPRIVED DHURVE EVEN TODAY