देवघर (विजय सिन्हा ब्यूरो, संथाल परगना): देवघर सारठ: गरीब बुजूर्गों को दवा-दारू आदि के लिए किसी के प्रति निर्भर नहीं होना पड़े इसके लिए सरकार ने वृद्धा पेंषन योजना षुरू की है. जिसमें 60 साल और उससे अधिक उम्र के सभी बुर्जूगों को पेंषन योजना का लाभ दिया जाना है.
वहीं इस योजना का लाभ से कोई वंचित नहीं रहे इसके लिए अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा पिछले दिनों अंचलाधिकारी को आवष्यक निर्देष भी दिया गया है. जिसके आलोक में अंचलाधिकारी ने सभी राजस्व कर्मचारी को अपने-अपने क्षेत्र से बुर्जूगों का आवेदन संग्रह कर उन्हें योजना का लाभ दिलाने का निर्देष जारी किया था. बावजूद क्षेत्र के कई ऐसे बुर्जूग है जो जिंदगी के अंतिम पड़ाव में है लेकिन उन्हें पेंषन योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.
जमुवासोल पंचायत के आदिवासी बाहुल कुरूमटांड़ गांव में एक दर्जन से अधिक बुजूगों को आज तक पेंषन योजना के लाभ से वंचित है. गांव की 75 वर्शीय मुनकी मरांडी को पेंषन होने की बात तो दूर आज तक ना उनका मतदाता पहचान पत्र बना है और ना आधार कार्ड ही बना है. वहीं आज तक बैंक में खाता भी नहीं खुला है. वहीं चुड़का बास्की 75, दुलारी सोरेन 65, गोमस बास्की 61, बिश्णु मुर्मू 64, निलमुनी मरांडी 66, ढेना हेम्ब्रम 70, मिरूदी हेम्ब्रम 65, जगदीष सोरेन 64 आदि को आज तक पेंषन का लाभ नहीं मिल पाया है. बुर्जूग अदिवासियों का कहना था कि बुढ़े व लाचार षरीर में कुछ काम भी नहीं कर पाते है.
जरूरत पड़ने पर एक-एक पैसा का मोहताज होना पड़ता है. अगर पेंषन का लाभ मिलता तो आज दवा दारू के लिए दुसरे का मोहताज नहीे होना पड़ता. लाभूक पेंषन के लिए कई बार पंचायत और अंचल कार्यालय का भी चक्कर लगा चुके है. लेकिन अष्वासन के अलावे आज तक कुछ नहीं मिला. सिर्फ कुरूमटांड़ गांव ही नहीं बल्कि प्रखंड क्षेत्र में रानाबांध, नैयाडीह, फुलचुवां, बेहरा, कचुवाबांक समेत दर्जनों अन्य गांव के कई बुजुर्ग पेंषन के लिए आज भी अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे है.
क्या कहते है सीओ: बीडीओ सह सीओ साकेत कुमार सिन्हा ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि व राजस्व कर्मचारी को कई बार निर्देष दिया गया है की क्षेत्र में जो भी बुजूर्ग व विधवा पेंषन के लाभ से वंचित है उनका आवेदन अंचल में जमा करें. बावजूद बुजूर्ग लाभ से वंचित है. इसकी जांच कर समुचित कार्रवाई की जायेगी.