मिटी धुंद जग चानन होवा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी का 550 वा प्रकाश पर्व

रिपोर्ट- बी के सिंह

निरसा :- जहाँ पूरे विश्व में सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी का 550 वा प्रकाश पर्व बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जा रहा है वहीं निरसा में भी प्रकाश पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ.

निरसा में गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर 9 नवम्बर को भव्य नगर कीर्तन एवं शोभा यात्रा निकाली गई थी साथ ही अखंड पाठ का आयोजन किया गया था. मंगलवार को अखंड पाठ की समाप्ति के बाद दिल्ली से आये भाई सहजदीप सिंह ए रागी जत्था ने शबद कीर्तन किये और अपनी मखमली आवाज से वहाँ उपस्थित सभी श्रधालुओं का मन मोह लिया. वहीं कथा वाचक भाई दलेर सिंह ने गुरु नानक देव जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए आज के हालातों पर शीशा दिखाने का काम किया है. श्री सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव जी का कहना था मानवता की जात सदा एक ही पहचानबो अर्थात सभी इंसान एक बराबर  हैं, इंसान को उसके कर्मों से जानो न की उसे जात पात में बांटो. गुरु नानक देव जी ने ऊँच नीच की प्रथा को खत्म करने का काम किया था. वहीं पंजाब से कवि भाई प्रदीप सिंह संधु ने गुरु नानक देव जी कविताओं से श्रधालुओं को रूबरू कराया. इस अवसर पर पहुँचे विधायक अरूप चटर्जी को वहाँ के प्रबंधक कमेटी द्वारा शिरोपा एवं शाल देकर सम्मानित किया गया. प्रकाश पर्व के के अवसर पर गुरुद्वारा परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया. विधायक श्री चटर्जी ने सभी श्रधालुओं को प्रकाश पर्व की बधाई दी और कहा कि गुरु नानक देवी जी का सन्देश था कि सबसे बड़ा धर्म मानवता का है लेकिन आज एक इंसान दूसरे का दुश्मन बना हुआ है. आज देश की राजनीति जात पात पर टिकी हुई है जो कि सरासर गलत है. आज जरूरत है कि गुरु नानक देव जी के आदर्शों को मान कर उन पर अमल किया जाये. वहीं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सुखदेव सिंह भी समूह संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी. श्री सिंह ने कहा कि प्रकाश पर्व बड़े ही भव्य रूप से मनाया जा रहा है. प्रकाश पर्व में कुमारधुबी, मुगमा,बराकर, मैथन,कुल्टी, चीनाकुड़ी आदि जगाहॉ से हजारों की संख्या में श्रधालुओं ने आकर कीर्तन दरबार का आनंद उठाया. समाप्ति के बाद श्रधालुओं के बीच अटूट लंगर का वितरण किया गया. प्रकाश पर्व के सफल आयोजन में निरसा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अलावा सभी साध संगत का महत्वपूर्ण योगदान रहा.