नहीं थम रहा है झारखंड के मैथन बॉर्डर पर प्रतिबंधित मांगुर मछली का कारोबार, कारोबारियों के ऊपर मैथन पुलिस का बना है आशीर्वाद

निरसा(बंटी झा) : झारखंड बंगाल सीमा को जोड़ने वाली NH2 मैथन ओपी अंतर्गत चिरकुंडा डीबुडीह चेक पोस्ट के रास्ते पश्चिम बंगाल से झारखंड में प्रवेश प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. कारोबार मैथन बॉर्डर के रास्ते झारखंड में रात के साथ अब खुलेआम दिन के उजालों में इन दिनों जोरों पर किया जा रहा है. हालांकि इस खेल में स्थानीय पुलिस पूरी तरह खामोश बैठी है. बताया जाता है कि यह खेल कारोबार पुलिस की मिलीभगत व छाया में किया जा रहा है.   जिसमें सिंडिकेट के लोगों के ऊपर स्थानीय पुलिस का पूरा आशीर्वाद बना हुआ है.

जानकारी के अनुसार सिंडिकेट के लोगों द्वारा स्थानीय पुलिस को कारोबार में आर्शीवाद बनाये रखने के लिए लाखों रुपए का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. जिसके बाद ही प्रतिबंधित जहरीली जानलेवा थाई मांगुर मछली लदा गाड़ी पश्चिम बंगाल से मैथन बॉर्डर के रास्ते प्रतिदिन झारखंड में प्रवेश किया जाता है. जानकारी के अनुसार इन दिनों दिन के उजालों में ही सिंडिकेट व कारोबारी अपने काम को अंजाम दे रहे हैं खुलेआम प्रतिदिन 4 गाड़ी मछली लदा झारखंड में प्रवेश किया जा रहा है फर्जी चालान झारखंड बॉर्डर पर स्थित चाय के दुकानों से चालक को मां रोड लाइंस व पारसनाथ नाम के चालान  देकर गाड़ी को, बिहार,यूपी, दिल्ली, उड़ीसा व झारखंड राज्य में गाड़ी को भेजने का काम कर रहे हैं. कारोबारी अपनी कमाई के सामने लोगो को मौत के मुँह में धकेल रहे है.   जानलेवा प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली लोगों को बीच पहुंचाया जा रहा है.

थाई मांगुर मछली ट्रक पकड़ाया.. . .

ज्ञात हो कि बीते दिन पश्चिम बंगाल से मैथन बॉर्डर के रास्ते थाई मांगुर मछली लदा एक ट्रक को स्थानीय लोगों द्वारा पकड़ा गया था. जिसके बाद मैथन पुलिस को मजबूरन कार्यवाही करनी पड़ी थी, चुकी गाड़ी पकड़े जाने के बाद मीडिया द्वारा खबर प्रकाशित होने के बाद मैथन पुलिस को धनबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिला मत्स्य पदाधिकारी के सहयोग से पकड़े गए प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली को दफना दिया गया था. हालांकि गाड़ी पकड़े जाने पर मैथन पुलिस को स्थानीय सिंडिकेट व कारोबारियों के द्वारा लाखों रुपए का ऑफर दिया गया था, लेकिन गाड़ी छूटे तो कैसे चुकी पूरा मामला उजागर हो गया था. कारोबारी मैथन ओपी का चक्कर काटते रहे.. . . सिटी लाइव.. .   दरअसल मामला यह था कि पश्चिम बंगाल से झारखंड में प्रवेश करते एक ट्रक एक मवेशी को मार दिया था. जिसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने ट्रक को खदेड़ कर मैथन संजय चौक के समीप पकड़ा. जिसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया गया था. जांच के दौरान पता चला कि ट्रक में प्रतिबंधित जहरीली थाई मांगुर मछली लदा है बात आग के  तरह फैल गई लोगों में हड़कंप मच गया. जिसके बाद मामला तूल पकड़ लिया और मीडिया द्वारा खबर प्रकाशित होने पर पुलिस को मजबूरन कार्यवाही करनी पड़ी थी. इस दौरान चालक ट्रक के साथ चिरकुंडा निवासी रोशन वर्णवाल जो इस खेल का मुख्य सरगना है. जिसके ऊपर प्राथमिकी दर्ज किया गया था. जिसके कुछ दिन बाद गोविंदपुर पुलिस ने गुप्त सूचना मिलने निरसा गोविंदपुर  NH2 पर दिन के समय थाई मांगुर मछली लदा ट्रक को पकड़ा था और कार्यवाही किया था.   इसके बावजूद भी प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली का कारोबार नहीं थम रहा है. वर्तमान समय में भी पश्चिम बंगाल से झारखंड में पुलिस के सहयोग से कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है.

एसपी के आदेश के बाद मैथन पुलिस नहीं पकड़ पाई मछली लदा गाड़ी.. . .

जी हां, धनबाद के ग्रामीण एसपी रिष्मा रमेशन को गुप्त सूचना मिला कि पश्चिम बंगाल से प्रतिबंधित मांगुर मछली गाड़ी झारखंड में प्रवेश करने जा रहा है. एसपी के आदेश मिलने के बाद मैथन पुलिस मैथन टोल प्लाजा के पुलिस जवानों को तैनात कर दिया. घंटो पुलिस  बाद भी गाड़ी पकड़ में नहीं जिसके बाद मैथन ओपी प्रभारी माइकल कोड़ा ने बताया कि कारोबारी सचेत हो गए होंगे. हालांकि सूत्रों के अनुसार मछली लदा गाड़ी पुलिस को चकमा देकर  झारखंड में प्रवेश कर गया था. और एसपी के बाद भी गाड़ी को पकड़ने में मैथन पुलिस कोई रूचि नहीं दिखाई.

ओपी प्रभारी के आदेश के बाद छोर दिया गया पकड़े गए मछली गाड़ी.. . .

प्राप्त समाचार के अनुसार बीते दिन मैथन टोल प्लाजा के समीप रात्रि पुलिस गश्ती गाड़ी ने पश्चिम बंगाल से आ रहे एक मछली लदा पिकअप वैन को पकड़ा गाड़ी पकड़े जाने के बाद मौके पर अधिकारी ने ओपी प्रभारी को गाड़ी पकड़े जाने का सूचना दिया. जिसके बाद प्रभारी माइकल कोड़ा आग बबूला हो गए और गाड़ी पकड़े अधिकारी के ऊपर गाड़ी छोड़ने का दबाव बनाने लगा वरीय अधिकारी का बात कर के गाड़ी पकड़े अधिकारी को डराने लगा. आ गया साहेब का आदेश है गाड़ी को छोड़ दो जिसके बाद क्या था घंटों ड्रामा के बाद पकड़े गए गाड़ी को उस अधिकारी ने छोड़ दिया. जिसके बाद मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ था.

प्रतिबंधित जानलेवा थाई
मांगुर मछली के कारोबार  पर स्थानीय पुलिस द्वारा रोक ना लगाने में पुलिस के ऊपर कई तरह के सवाल उठते हैं. स्थानीय पुलिस इस पर कार्रवाई करने में क्यों आनाकानी करती है ?
क्या मामला पूरा ऊपर हाई लेवल तक सेटिंग है या फिर प्रतिबंधित काम को रोक लगाने में मैथन पुलिस ने पूरी तरह छूट दे रखी है.