प्रतिबंधित मछली गाड़ी को झारखंड बॉर्डर इंट्री का हरा सिग्नल देता है बर्णवाल, दिखाता है वरीय अधिकारी का रिस्तेदार होने का धौंस, दो फॉर हुआ सिंडीकेट

निरसा(बंटी झा) :  नही थमने का नाम ले रहा है प्रतिबंधित मछली का अन्तर्राजिय अवैध व्यापार. एजेंटो द्वारा कारोबार लगातर जारी है. खेल का मास्टरमाइंड एजेंट  चिरकुंडा का वर्णवाल झारखंड बॉर्डर में हरा सिग्नल दिखा कर प्रतिबंधित मांगुर मछली गाड़ी को झारखंड में मैथन के रास्ते एंट्री देता है. बर्णवाल वरीय अधिकारी का रिस्तेदार होने धौंस दिखा कर  चकमा देकर मछली लदा गाड़ी को मैथन डीबुडीह चेकपोस्ट से निरसा होते हुए धनबाद के रास्ते बिहार और यूपी तक प्रतिबंधित मछली का कारोबार कर लोगों को मौत के मुँह में धकेल रहा है.


प्रतिबंधित केमिकल युक्त  मछली को पश्चिम बंगाल के चौरंगी चेक पोस्ट पर जाली चलान देकर उसे झारखंड में प्रवेश करवाता है जिसके बाद मछली को झारखंड के मंडियों में उतारा जाता है. इस काम में बर्णवाल का पूरा गैंग शामिल है.  



 ---सिंडीकेट हुआ दो फाँर---


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिबंधित मछली के इस कारोबार में दो ग्रुप शामिल है जो प्रतिदिन पश्चिम बंगाल से झारखंड में 20 से 25 गाड़ी प्रवेश करवाता है. एक ग्रुप मैथन का तो दूसरा चिरकुंडा का बन गया है.

चिरकुंडा ग्रुप का नेतृत्व जहाँ बर्णवाल नामक व्यक्ति कर रहा है. वहीं मैथन ग्रुप का नेतृत्व महतों नामक व्यक्ति कर रहा है. हालांकि इनदिनों दोनों ग्रुप में काँटे की टक्कर चल रही है. कभी में दोनों ग्रुप में भिरंत हो सकता है. बताया जा रहा है की एक दूसरे के काम में कम और ज्यादा गाड़ी को लेकर आपसी मतभेद बना हुआ है. जो एक दूसरे को काम के रास्ते से हटाने के लिए भिरंत हो सकती है.


---फर्जी चलान का खेल---


इस ग्रुप के लोगों के द्वारा दूसरे के चालान बिल्टी को फार कर खुद का बिल्टी लेने हेतु चालकों पर दबाव बनाया जा रहा है,अन्यथा उन्हें पकड़वा देने की धमकी दी जा रही है.


आपको बताते चले कि इस कारोबार में इन दोनों के अलावे दर्जनों नवयुवक शामिल हैं जो दिखाने के लिए बाईपास में अन्य कारोवार करते हैं. मगर इनका असली कार्य तो ये है,जिनसे इनकी मोटी कमाई होती है,वो भी नगद. इन लोगों के द्वारा जो बिल्टी इस्तेमाल किया जाता है,उस नाम के ट्रांसपोर्ट  का कोई भी कार्यालय पूरे क्षेत्र में कहीं भी नही है. सिटी लाइव में इस अवैध कारोबार संबंधी खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद दोनों ग्रुप के लोगों में बेचैनी हो गया है.