झारखण्ड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ की बैठक में चर्चा, आचार संहिता लागू होने से पूर्व मांगे पूरी करे सरकार

धनबाद : विश्व विद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 2018 के अनुसार समान कार्य का समान वेतन समेत झारखंड लोक सेवा आयोग के होने वाली नियुक्ति मे प्राथमिकता दो प्रमुख विषयो पर आयोजित झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ केे राज्य स्तरीय बैठक में मांगो को आचार संहिता लागू होने से पूर्व सरकार से पूरा कराने पर जोर दिया गया.

पीके रॉय मेमोरियल महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में हुई बैठक में राज्य भर के सभी विश्वविद्यालयों के संविदा सहायक प्राध्यापक उपस्थित हुए.

वक्ताओं ने इस बात पर चर्चा की विश्व विद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 2018 के अनुसार मासिक मानदेय होनी चाहिए क्योंकि संविदा सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति विश्विद्यालय अनुदान आयोग के न्यूनतम मापदंड एवं अहर्ताओ के आधार पर कुलपति की अध्यक्षता में दो बाहरी विषय विशेषज्ञ की उपस्थिति में मेधा क्रमांक के अनुसार 2017-18 मे नियुक्ति की गई है.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश सरंक्षक डॉ संजय कुमार झा ने कहा कि इस संदर्भ में कुलाधिपति सह राज्यपाल महोदया, मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के संज्ञान में इन बातों को रखा गया है. राज्यपाल महोदया से यह सकारात्मक आश्वासन भी मिला कि संविदा सहायक प्राध्यापकों को सम्मानित मानदेय दी जानी चाहिए परंतु अब तक इस दिशा मे कोई करवाई नही हुई है.

सरकार को इस दिशा में यथाशीघ्र करवाई करनी चाहिए. चंद दिनों के बाद आचार संहिता लागू हो जाने पर मांग जस की तस रह जायेगी.

प्रदेश सचिव डॉ प्रभाकर कुमार ने कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग से सहायक प्राध्यापक की होने वाली नियुक्ति मे घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापकों को मध्य प्रदेश की तर्ज पर अतिभार व प्राथमिकता देते हुए पूर्ण समायोजन की जाये.

बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्विद्यालय ( BBMKU ) अनुबंन्धित संघ के अध्यक्ष डॉ हिमांशु शुक्ला ने कहा कि विगत दो वर्षों से राज्य की उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण बढ़ोतरी करने हेतु सभी संविदा सहायक प्राध्यापकों ने महत्वपूर्ण कार्य किया है.

वे न सिर्फ वर्ग लेते हैं बल्कि परीक्षा कार्य, विक्षक कार्य, आंतरिक व वाह्य परीक्षक का कार्य, कॉपी मूल्यांकन, प्रश्न पत्र सेट, परीक्षा फॉर्म सत्यापन से लेकर महाविद्यालय से दिए गये सभी कार्यों को बखूबी ढंग से करते हैं एवं 10 बजे सुबह से लेकर 3 बजे तक महाविद्यालय में उपस्थित रहते हैं. इन स्थितियों में संविदा सहायक प्राध्यापकों की एक निश्चित मानदेय यथाशीघ्र सरकार दें.

सिधो कान्हू मुर्मू विश्विद्यालय दुमका के उपाध्यक्ष डॉ अब्दुल रहीम ने यह कहा कि सरकार हमारी मांगो को यथाशीघ्र पूरी करें अन्यथा 18 सितम्बर से सातों विश्विद्यालयों मे कार्यरत संविदा सहायक प्राध्यापक कलम बंद हड़ताल पर जाएंगे.

बैठक मे सातों विश्विद्यालयों के सैकड़ो सहायक प्राध्यापकों ने भाग लिया. इनमें मुख्य रूप से  डॉ सुमन्त कुमार झा, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, डॉ सुजीत प्रसाद, डॉ ममता कुमारी, डॉ सुमिरन कुमार रजक, डॉ त्रिवेणी कुमार महतो, डॉ एम डी आलम, डॉ अतुल सिन्हा, डॉ आयुषी चौधरी, डॉ

विकास कुमार केशरी, डॉ सुशील कुमार लाल, डॉ नीतू गौरव लाल, धीरज कुमार मिश्रा, डॉ प्रीति कुमारी, डॉ विनोद राम, मनोज महतो मौजूद थे.