निरसा विधायक ने नारियल फोड़ किया विद्यालय का शिलान्यास, कहा भारत में गुरुकुल विद्यालय का जो महत्व था आज भी जीवंत है

रिपोर्ट - बी के सिंह

निरसा :-   आर्य समाज निरसा के द्वारा गुरुकुल पुस्तकालय शेड मुखिया मद से निर्माण किया गया. शिलान्यास विधायक अरूप चटर्जी, प्रखंड प्रमुख- श्री मति सरिता देवी, मुखिया- पूनम देवी, नारियल फोड़ कर निर्माण कार्य की शुरुवात किया. विधायक अरूप चटर्जी ने कहा किऐसे विद्यालय जहाँ विद्यार्थी अपने परिवार से दूर गुरू के परिवार का हिस्सा बनकर शिक्षा प्राप्त करता है. भारत के प्राचीन इतिहास में ऐसे विद्यालयों का बहुत महत्व था. प्रसिद्ध आचार्यों के गुरुकुल में पढ़े हुए छात्रों का सब जगह बहुत सम्मान होता था. राम ने ऋषि वशिष्ठ के यहाँ रह कर शिक्षा प्राप्त की थी. इसी प्रकार पाण्डवों ने ऋषि द्रोण के यहाँ रह कर शिक्षा प्राप्त की थी. गुरुकुल आश्रमों में अनादिकाल से ही करोड़ों विद्यार्थी विद्या-अध्ययन करते रहे हैं. भारतवर्ष के गुरुकुल आश्रमों के आचार्यों को उपाध्याय और प्रधान आचार्य को ´कुलपति´या महोउपाध्याय कहा जाता था. रामायण काल में वशिष्ठ का बृहद् आश्रम था जहाँ राजा दिलीप तपश्चर्या करने गये थे, जहाँ विश्वामित्र को ब्रह्मत्व प्राप्त हुआ था. इस प्रकार का एक और प्रसिद्ध आश्रम प्रयाग में भारद्वाज मुनि का था. स्थानीय बच्चों का शिक्षा का लाभ मिलेगा. मौके पर- राजार्य सभा के प्रदेश अध्यक्ष- हरहर आर्य, वरिष्ठ प्रधान- डॉ यशवन्त सिंह, विजय पासवान, रंजीत पासवान, मंत्री- अशोक कुमार घांटी, योग प्रचारक- रबिन्द्र प्रधान, प्रभु सिंह, राहुल पात्रा,जयंत कुमार, दीपक मिश्रा आदि थे.