सरकारी शराब दुकान से सेवामुक्त हुए आउट सौर्सिंग कर्मचारियों का बकाया है 6 माह का वेतन

धनबाद. सरकारी शराब दुकानों से सेवामुक्त किए जा चुके आउट सौर्सिंग कर्मचारियों ने प्राइवेट एजेंसी फ्रंटलाइन पर छह माह का वेतन बकाया रखने का आरोप लगाया है. रविवार को कर्मियों ने गोल्फ ग्राउंड में बैठक कर आंदोलन की रणनीति पर विचार विमर्श किया. बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर उत्पाद विभाग समेत डीसी के समक्ष गुहार लगाने का निर्णय बैठक में लिया गया है. मंतोष सिंह के द्वारा बताया गया कि सरकारी शराब दुकानों में प्राइवेट एजेंसी फ्रंटलाइन के अधीन कर्मियों को सेल्समैन पर बहाल किया गया था. 31 मार्च 2019 को उन्हें कार्य से मुक्त कर दिया गया जब्कि कर्मियों का बकाया वेतन भुगतान नही हुआ. कर्मियों का छह माह का वेतन बकाया है. कंपनी इंचार्ज सुनील शर्मा के द्वारा लगातार टाल मटौल किया जा रहा है. सेवा से मुक्त हुए छह माह बीत चुका है. वेतन भुगतान के सवाल पर ऑडिट का बहाना बनाया जाता है. उन्होंने बताया कर्मियों की संख्या 300 से 400 तक है. सभी को 10 हजार 500 तथा 14 हजार के वेतन पर बहाल किया गया था. एक तरफ कर्मी बेरोजगार बैठे है तो वही वेतन भुगतान नही होने से कर्मियों में सरकार एवं कंपनी के विरुद्ध आक्रोश बढ़ता जा रहा है. उत्पाद विभाग या डीसी इस मुद्दे पर यथाशीघ्र गम्भीरता नही दिखाते है तो कर्मी सड़क पर उतरने के लिए बाध्य हो जाएँगे.