धनबाद में होमगार्ड के कमांडेंट रहे साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता व मैथिली और हिन्दी के प्रख्यात साहित्यकार श्याम दरिहरे नहीं रहे, शोक

वृंदावन/धनबाद: (प्रशांत झा) साहित्य अकादमी से पुरस्कृत मैथिली एवं हिंदी के जाने-माने साहित्यकार श्याम दरिहरे का शनिवार तड़के वृंदावन में निधन हो गया. वे होमगार्ड के कमांडेंट पद से सेवानिवृत्त होकर साहित्य सृजन और धर्म-कर्म की दुनिया में खासे सक्रिय थे. उनकी शिक्षा-दीक्षा झारखंड में ही हुई थी. उनका कर्मक्षेत्र झारखंड ही रहा.

होमगार्ड में समादेष्टा रहे थे दरिहरे, मिला था साहित्य अकादमी पुरस्कार

श्याम दरिहरे बिहार होमगार्ड में समादेष्टा के पद से देवघर, धनबाद, बोकारो, चास, कतरास में सेवा देते हुए सेवानिवृत्त हुए थे. उनकी लिखी 11 पुस्तकें मैथिली व हिंदी साहित्य की अमूल्य निधि है. जिसमें ´बड़की काकी एट हॉट मेल डॉट कॉम´ के लिए 2016 में साहित्य अकादमी से सम्मानित किया गया. सेवानिवृत्ति के पश्चात अध्यात्म के प्रति उनकी निष्ठा बढ़ गई थी और ज्यादातर समय वृंदावन में बिताने लगे थे. इसी अवधि में घुरी आऊ मान्या एवं जगत एक सपना जैसे महत्वपूर्ण उपन्यासों की रचना, जिसमें अध्यात्म व विज्ञान की विशिष्ट व्याख्या की गई है. उनकी अन्य रचनाओं में सरीसों में भूत, क्षमा करु हे लक्ष्मी, रक्त संबंध, हमर जन्म किया भेलेई हे रामा आदि प्रमुख है.  

2014 में हजारीबाग से सेवानिवृत्त हुए थे

वर्ष 1987 में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर प्रशासनिक सेवा में आए और अंतत: झारखंड के हजारीबाग में डिविजनल कमांडेंट के पद से वर्ष 2014 में सेवानिवृत्त हुए. धर्मपत्नी राजकुमारी झा गृहिणी हैं. दो पुत्रों में एक अमेरिका के लॉस एंजिल्स में इंजीनियर व दूसरे भारत में ही आइबीएम कंपनी में इंजीनियर हैं. पुत्री भी अमेरिका में नौकरी करती हैं.

 धनबाद में विद्यापति समिति को था सींचा 

धनबाद में अपने सेवाकाल के दौरान उन्होंने मैथिलों की विद्यापति समिति को सींचने में अहम योगदान दिया था. बनखंडी मिश्र, चासनाला इस्को के तत्कालीन महाप्रबंधक एस एन चौधरी, आशानंद झा, सुरेश झा, नरेंद्र कुमार कर्ण आदि के साथ मिलकर मिथिला साहित्य-संस्कृति के प्रसार को वृहत्तर कार्य किया था.  

साहित्य जगत के लिए गहरा शोक का विषय 

धनबाद के वरिष्ठतम पत्रकार व साहित्यकार बनखंडी मिश्र ने उनके निधन को संपूर्ण साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि यह झारखंड के लिए गहरा धक्का है क्योंकि उनका अधिकांश जीवन झारखंड में ही बीता था. उनका व्यक्तित्व व कृतित्व आने वाले लंबे समय तक के लिए प्रेरणास्पद रहेगा.  

धनबाद विद्यापति समिति व सिंदरी विद्यापति परिषद् ने जताया शोक 

श्याम दरिहरे के निधन पर धनबाद विद्यापति समिति व सिंदरी विद्यापति परिषद् ने शोक जताया है. बिजय कुमार झा, ई. शिवकांत मिश्र, सुरेश झा ´नेताजी´,  ए के झा, अमरनाथ झा, जीवकांत मिश्र, आशुतोष झा, राधाकृष्ण झा, माधवेश कर्ण, समेत कई लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है.

Web Title : SAHITYA AKADEMI AWARD WINNER AND MAITHILI AND NOTED HINDI LITTERATEUR SHYAM DARIHARE, COMMANDANT OF HOME GUARD IN DHANBAD, MOURNS