झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष के आवंटन को निरस्त करने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

धनबाद (संतोष कुमार) : झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष के आवंटन को निरस्त करने के लिए सोमवार को विश्व हिंदू परिषद ने उपायुक्त माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. विश्व हिंदू परिषद के धनबाद जिला महानगर अध्यक्ष हनुमान प्रसाद सिंघल ने कहा कि झारखण्ड विधान सभा अध्यक्ष के आदेश से विशेष समुदाय को नमाज-कक्ष आवंटित किया गया है, जो असंवैधानिक है. भारतीय लोकतंत्र में  विधानसभा भवन की अपनी मर्यादा होती है. विधान सभा भवन में राज्य के विकास की निति निर्धारण एवं विधान प्रतिष्ठापित होती है तथा विकास की कार्य योजना निश्चित होती है. विधान सभा की कार्य-प्रणाली में आम जनमानस की आस्था होती है, विश्वास होता है.

सदन में निर्धारित नीति, विधान एवं कार्ययोजना सर्वसाधारण जनता के लिए होती है न कि किसी विशेष के लिए. सदन किसी भी धर्म अथवा सम्प्रदाय से ऊपर होती है. झारखण्ड में शैव, वैष्णव, सरना, सिख, जैन, बौद्ध, मुस्लिम, ईसाई सहित कई धर्मघराओं तथा भाषा-भाषी के लोग रहते हैं लेकिन सभी धर्मघाराओं एवं भाषा-भाषी के जनता को नकारते हुए सिर्फ विशेष समुदाय को प्रश्नेय देना तुष्टीकरण की पराकाष्ठा को पार करना है. झारखण्ड सरकार फूट डालो, शासन करो” की नीति अपनाकर समाज के बीच द्वेष फैला रहा है.

अल्पदर्शी एवं अल्पविवेकी झारखण्ड सरकार के उक्त गलत निर्णय के कारण जन-आन्दोलन प्रारम्भ है, जिससे प्रदेश के विकास कार्य में अवरोध हो रही है, जिसका प्रभाव प्रदेश की जनता पर पड़ेगा. साथ ही उन्होंने राज्यपाल से मांग करते हुए कहा कि लोकतंत्र के मंदिर “विधान सभा भवन” की महत्ता एवं गरिमा तथा सामाजिक सदभावना को बनाये रखने के लिए झारखण्ड विधान सभा भवन में विशेष समुदाय को दिये गये नमाज-कक्ष आवंटन को निरस्त करने की मांग की.