कृष्ण को वासुदेव टोकरी में लेकर चले तो जयकारे से गुंजा श्रीमद्भागवत कथा का मंडप

गोमो : और जैसे सारी रेलनगरी गोमो मानो उस समय द्वापर युग मे पहुंच गई जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ और बेड़ियों से जकड़े बासुदेव एक टोकरी में कृष्ण भगवान को माथे पर रख गोकुल की ओर जा रहे है. इस दृश्य को देख कृष्ण भगवान की जयकारे से सारा कथा मंडप गुंजायमान हो रहा था.

मौका था रेलवे मैदान में चल रहे श्री श्याम भारत यात्रा के दौरान श्रीमद भागवत कथा का. जहां कथा के दौरान बासुदेव जी की झांकी प्रस्तुत की गई. जिसे देख भक्त भाव विभोर हो उठे तो कइयों के आंखो से आंसू की धारा बह निकली.

वहीं कथा के दौरान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर छोटे छोटे बच्चे राधा और कृष्ण के वेश में पहुंचे थे जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहें.

चौथे दिन की कथा में सोमवार को कथा प्रवक्ता श्री यशोदानंदन जी महाराज ने लोगों को भागवत कथा रूपी गंगा में लगवाते हुए कहा की राम को पहचानने वाला ही कृष्ण को पहचान सकता है.

 राम शांत स्वभाव के है तो कृष्ण उतना ही नटखट है. भगवान की कृपा से सारा काम होता है लेकिन उनके मार्ग को दिखलाने के लिए जीवन मे एक गुरु का होना अत्यंत जरूरी है.

प्रातः काल उठ कर धरती माता को प्रणाम करना चाहिए. बच्चो को राम राम सिखलाना बुरी बात नही है. शिक्षको को भी यह चाहिए वह अपने छात्रों को राम,श्याम के बारे में,धरती माता को प्रणाम करने के बारे में सिखलानी चाहिए.

 राम ने मारीच,सुबाहु और अहिल्या का उद्धार करते हुए धनुष तोड़ा और माता सीता ने श्री राम के गले मे वरमाला डाला. जीवन मे खुशियां आने पर अभिमान मत करो और दुख आने पर आत्महत्या मत करो.

बड़े भैया पिता और भाभी माता के समान होती है. जो आदमी अपने अहंकार में  आ जाता है वह अकड़ जाता है. जो व्यक्ति राम का काम करने जाता है उसे आराम नही रहता है. जो आदमी मन मे कुछ सोचता है वही उसके चेहरे पर भी आ जाता है. मुंह मे राम और बगल में छुरी रखने वालों की कभी भला नही हो सकती है.

मौके पर बी कुमार,मोहन अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, पिंकू सोनी, संजय अग्रवाल,अवध मिश्रा,शशि खंडेलवाल, सोनी कौर,करुणा तिवारी,आशा सिंहा, सुमन अग्रवाल, पूजा अग्रवाल आदि उपस्थित थे.