हर दिल अजीज पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना का जन्मदिन आज, जानिए कैसे थे काका

अमृतसर :  सुपरस्टार राजेश खन्ना का 29 दिसंबर को 75 वां जन्मदिन है. उनकी बचपन की यादें आज भी बेरी गेट और गली तिवाड़ियां में काका के नाम से जीवित हैं. गली तिवाड़ियां में राजेश खन्ना का जन्म पिता नंदलाल खन्ना के घर में हुआ था. उनकी मौसी का परिवार आज भी बेरी गेट में रह रहा है. उनके मौसेरे भाई जगदीश चंद वोहरा ने बताया कि बचपन में उनका नाम जतिन था लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया.  

- तीन फिल्में राज, बहारों के सपने और आखिरी खत में आज भी राजेश खन्ना का नाम जतिन खन्ना लिखा है, लेकिन जतिन और जितेंद्र नाम एक जैसा होने के कारण उन्होंने अपना नाम बदल कर राजेश खन्ना रख लिया.  

- जगदीश चंद वोहरा ने बताया कि राजेश के पिता नंदलाल खन्ना लाहौर में रेलवे कान्ट्रेक्टर थे. वह 40 दिन के थे, जब काका को उन्हीं के संतानहीन चाचा चुन्नीलाल खन्ना गोद लेकर मुंबई चले गए.  

- राजेश बचपन में उनके पास आया जाया करते थे और उन्हीं के साथ वह खेला करते थे.  

- उनके अंतिम समय तक वह उनके साथ ही रहे. राजेश खन्ना की शादी में उनके पिता जगदीश चंद वोहरा ने ही बड़े भाई की भूमिका निभाई.

- 29 दिसंबर को ही राजेश खन्ना की बेटी ट्विंकल खन्ना का भी जन्मदिन होता है.  

- डॉक्टर ने उन्हें 29 दिसंबर के आसपास का ही समय दिया था.  

- राजेश खन्ना भी भगवान से दुआ मांगते थे कि इसी दिन उनके घर बच्चा हो और ऐसा ही हुआ.

- 29 दिसंबर को दोनों एक साथ ही केक काटा करते थे.

- खन्ना के परिवार को मुंबई में स्थानांतरित करने के बाद, घर के स्थान पर एक सामुदायिक हॉल का निर्माण किया गया था.

- शिवला मंदिर में शिव मंदिर का निर्माण किया गया था.

- जब उसका घर प्रदान किया गया था, चांदी के सिक्के का खजाना उसकी खुदाई में पाया गया था, जो मंदिर के विश्वास के प्रभारी के तहत किया गया था.

- आज भी, राजेश खन्ना के दोस्त, दूनचचंद खन्ना के दोस्त के लिए अजीब चाचा यादों में रहता है.

- राजेश के दोस्त जोगींदर ने ´नमक हराम´ में राजेश के साथ काम किया था, लेकिन दृश्य काट दिया गया था.

- जोगिन्दर पाल ने कहा कि वह ´नमक हराम´ की शूटिंग के समय मुंबई में खन्ना के साथ थे.

- जब वह राजेश खन्ना के साथ शूटिंग देखने के लिए मोहन स्टूडियो गए, उन्हें फिल्म में भी भूमिका मिली.

- उन्होंने यह भूमिका निभाई थी लेकिन फिल्म की रिलीज के समय इसे काट दिया गया था. इस के अनुसार इस शूटिंग का अनुभव बहुत अच्छा था.

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पहले ´सुपरस्टार´ राजेश खन्ना भले ही अब हमारे बीच ना हों, लेकिन उनकी यादें आज भी सबके जहन में ताजा हैं.  

राजेश खन्ना अपने करियर के शुरुआती दौर में रंगमंच से जुड़े और बाद में युनाइटेड प्रोड्यूसर एसोसिएशन द्वारा आयोजित ऑल इंडिया टैलेंट कॉन्टेस्ट में उन्होंने हिस्सा लिया, जिसमें वो फर्स्ट आए. राजेश खन्ना ने अपने सिने करियर की शुरुआत 1966 में चेतन आंनद की फिल्म ´आखिरी खत´ से की. साल 1966 से 1969 तक राजेश खन्ना  फिल्म इंडस्ट्री मे अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे.

राजेश खन्ना की एक्टिंग का सितारा निमार्ता-निदेर्शक शक्ति सामंत की क्लासिकल फिल्म ´अराधना´ से चमका. बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की गोल्डन जुबली कामयाबी ने राजेश खन्ना को स्टार के रूप में स्थापित कर दिया. फिल्म ´अराधना´ की सफलता के बाद अभिनेता राजेश खन्ना शक्ति सामंत के प्रिय एक्टर बन गए. बाद में उन्होंने राजेश खन्ना को कई फिल्मों में काम करने का मौका दिया. इनमें ´कटी पतंग´, ´अमर प्रेम´, ´अनुराग´, ´अजनबी´, ´अनुरोध´ और ´आवाज´ आदि शामिल हैं.

एक कलाकार के रूप में राजेश खन्ना ने जो अपनी छाप छोड़ी, लोग उसे आज भी याद करते हैं. उनका देहांत 18 जुलाई 2012 को मुंबई में हुआ था. एक कलाकार के रूप में राजेश खन्ना ने कई इंटरव्यू दिए, जिसमें से कई दिलचस्प बात सामने आईं. 1990 में राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन ने एक साथ मैगज़ीन को इंटरव्यू देते हुए कई बातों का खुलासा किया था.   

इस इंटरव्यू में राजेश खन्ना ने कई ऐसे दिलचस्प बातों का जिक्र किया था. राजेश खन्ना ने बताया था जब उन्हें सफलता मिली थी, तह उन्होंने कैसा महसूस किया था. जब उनके फिल्म फ्लॉप होने लगीं, तब उनकी प्रतिक्रिया कैसी थी? कैसे दीवार फिल्म उन्हें नहीं अमिताभ बच्चन को मिली. कैसे राजेश खन्ना नहीं चाह रहे थे कि डिंपल कपाड़िया फिल्मों में काम करें? वह राजनीति में कैसे आए? उनको “काका” के नाम से क्यों बुलाया जाता है?

राजेश खन्ना के इंटरव्यू के 5 इंटरेस्टिंग प्वाइंट

सवाल : पूरी दुनिया आपको काका के नाम से जानती है?  इसके पीछे क्या वजह है? (फिल्मीबीट)

राजेश खन्ना: पंजाबी में काका का मतलब होता है छोटा बच्चा. जब मैं फिल्म में आया तब बहुत छोटा था इसीलिए मुझे ´काका´ के नाम से बुलाया गया. फिर सम्मान के लिए लोगों ने ´जी´ लगा दिया.   

 सवाल : आपके लिए सफलता का मतलब क्या है ? (मूवी मैगज़ीन)

राजेश खन्ना: फिल्म ´आनंद´ में मिली सफलता के बाद मुझे ऐसा लगा जैसे भगवान के बगल में हूं. पहली बार मैंने महसूस किया कि सफलता क्या होती है. मुझे याद है कि बंगलुरु में फिल्म का प्रीमियर था. करीब दस मील तक सड़क पर लोगों के सिर के सिवा और कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. यह सफलता देखते हुए मैं एक बच्चा की तरह रो रहा था. फिर बाद में जब मेरी फिल्म फ्लॉप होने लगीं तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैं एक बोतल में जाकर टकराया हूं. एक के बाद एक मेरी सात फिल्म फ्लॉप हुईं.

एक बार रात को तीन बजे के करीब मैं अपना घर के टेरस में अकेला खड़ा था. अपने आप को संभल नहीं पाया. फिर मैं चिल्लाने लगा, परवरदिगार,  हम ग़रीबों का इतना इम्तिहान न ले कि हम तेरे वजूद को इनकार कर दें. फिर डिंपल और घर के अन्य सदस्य भाग के आए और उन्हें लगा कि मैं पागल हो गया हूं.   निस्संदेह सफलता ने मुझे इतना प्रभावित किया था कि अससफलता को सहन करना मेरे लिए मुश्किल था. अगले दिन फिल्म निर्देशक बालाजी ने मुझे ´अमरदीप´ फिल्म का ऑफर दिया जो मेरा करियर का एक दूसरा मोड़ साबित हुई.

सवाल : क्या आपके साथ ऐसा कभी हुआ है कि आपकी साइन की हुई फिल्म दूसरे एक्टर को दे दी गई?

राजेश खन्ना: जी हां, ´दीवार´ फिल्म के मामले में मेरे साथ ऐसा हुआ. सलीम-जावेद और मेरे बीच मतभेद थे. उन्होंने यश चोपड़ा को स्क्रिप्ट देने के लिए मना कर दिया था. यश ´दीवार´ के लिए मुझे साइन करना चाहते थे. उनके पास कोई विकल्प नहीं था. शायद बाद में उन्हें लगा होगा कि अमिताभ बच्चन इस फिल्म के लिए ज्यादा सही हैं. फिर मैंने ´दीवार´ देखी और ईमानदारी से मैंने बोला, क्या बात है. भगवान के नाम पर अगर सच कहूं तो अमिताभ बच्चन के अंदर हमेशा टैलेंट था. चाहे ´नमक हलाल´ की बात किया जाए या ´आनंद´. मेरा मतलब हांडी में से अगर चावल का एक दाना निकालो तो पता चल जाता है कि क्या है.   

 सवाल : आप डिंपल को शादी के बाद फिल्मों में काम क्यों नहीं करने देना चाहते थे?

राजेश खन्ना : मैंने जब डिंपल से शादी की तो मैं अपने बच्चों के लिए एक मां चाहता था. मैं नहीं चाहता था कि मेरे बच्चों का लालन-पालन नौकरों के द्वारा हो. डिंपल के टैलेंट के बारे में मुझे पता नहीं था क्योंकि तब ´बॉबी´ रिलीज़ नहीं हुई थी. अगर मुझे पता होता कि वह इतनी टैलेंटेड है तो मैं उसे नहीं रोकता. जब मैंने ´बॉबी´ देखी तब तक हमारा पहली बेटी जन्म ले चुकी थी. लेकिन बाद में मैं टीना मुनीम के साथ सात साल तक रहा. मैंने टीना के लिए फिल्म बनाई. हम दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया. टीना की फिल्मों के प्रति ज्यादा रूचि नहीं था, लेकिन मैंने कहा था, काम करो और अपने सिस्टम से बाहर आओ. मैं दोबारा वह गलती नहीं करना चाहता था (जो डिंपल के साथ की थी).

सवाल : आप राजनीति में क्यों आए? (मूवीटॉकीज. कॉम)

राजेश खन्ना: सोनिया गांधी की एक कॉल मुझे राजनीति में ले आई. मैं हमेशा से कांग्रेसी था फिर मुझे कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के लिए आमंत्रण आया और यह आमंत्रण मैडम सोनिया गांधी जी की ओर से आया था. मेरे पास कोई विकल्प नहीं था. फिर मैंने हां बोल दिया और पार्टी ने जो चाहा मैंने वह किया. मुझे एक ऐसी पार्टी में काम करने के लिए मौका दिया गया, जिसकी नीतियों में मैं हमेशा विश्वास रखता था.






 


Web Title : EVERY HEART AZIZ FIRST SUPER STAR RAJESH KHANNAS BIRTHDAY TODAY, HOW WERE KAKA