महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा पर अक्सर ही हमारा समाज मौन रह जाता है. महिलाओं के साथ मारपीट, शराब पीकर गाली-गलौच और दूसरों के सामने बेइज्जती को बहुत साधारण तरीके से लिया जाता है. महिलाओं को बचपन से ही सिखाया जाता है कि वे धैर्यवान बनें और अपने साथ होने वाली ज्यादतियों को सह लें और गलत करने वालों को माफ कर दें. लेकिन ऐसा करने में अगर महिला के स्वाभिमान को चोट पहुंचे, तो भी क्या उसे बर्दाश्त करना चाहिए. महिलाएं पुरुषों की तरह सम्मान पाने की हकदार हैं और सार्वजनिक तौर पर पुरुष हक जताते हुए या फिर गुस्से में आकर अगर उनके साथ बुरा सलूक करते हैं तो इसके गंभीर परिणामों के बारे में उन्हें सजग होना चाहिए. तापसी पन्नू की बहुप्रतीक्षित फिल्म ´थप्पड़´ का ट्रेलर लॉन्च हो गया है और इस ट्रेलर में यह बात बखूबी जाहिर की गई है. इस ट्रेलर के साथ टैग लाइन है ´हां बस एक थप्पड़, लेकिन नहीं मार सकता. ´
ट्रेलर में दिखाया गया है कि तापसी पन्नू को एक पार्टी के दौरान उनके पति थप्पड़ मार देते हैं. इसके बाद वह इसके लिए शर्मिंदा भी होते हैं, लेकिन तापसी इसके लिए तलाक चाहती हैं. फिल्म में वो सारी चीजें दिखाई गई हैं, जो हमारे समाज में देखने को मिलती है. पति की तरफ से ज्यादती होने के बाद ज्यादातर लोग महिला को समझाते हैं कि उन्हें पति से सुलह कर लेनी चाहिए और सह लेना चाहिए, लेकिन क्या पुरुषों को अपनी पत्नी पर हाथ उठाने का हक है? फिल्म में तापसी क्या अपने पति से तलाक ले लेती हैं या फिर उन्हें छोड़ देती हैं, यह तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन महिलाओं से जुड़े मुद्दे उठाकर इस फिल्म ने महिलाओं के साथ पुरुषों को भी सोचने के लिए मजबूर किया है.
थप्पड़ मारना भले ही छोटी सी बात लगे, लेकिन इससे महिला के वजूद को ठेस पहुंचती है और रिश्तों में खटास पैदा होती है. रिश्त में एक बार आई दूरी फिर कभी मिटाई नहीं जा सकती. यह चीज अनुभव सिन्हा की फिल्म ´थप्पड़´ के ट्रेलर में सशक्त तरीके से दिखाई गई है. फिल्म में रत्ना पाठक शाह, कुमुद मिश्रा, राम कपूर और मानव कौल जैसे कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई है.
इससे पहले तापसी ने फिल्म ´थप्पड़´ का पोस्टर अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था. फिल्म के टाइटल के हिसाब से यह पोस्टर पूरी तरह मुफीद नजर आता है. पोस्टर देखकर लगता है कि तापसी को किसी ने बहुत तेज थप्पड़ मारा है, जिसके भाव उनके चेहरे पर साफ देखे जा सकते हैं. इस पोस्टर के साथ उन्होंने कैप्शन शेयर किया है ´थप्पड़´, ´क्या ये बस इतनी सी बात है?´ क्या प्यार में ये भी जायज है?
तापसी पन्नू की फिल्म थप्पड़ महिलाओं के मुद्दों को सशक्त तरीके से उठाती है. महिलाएं जब अपनी समस्याओं पर खुलकर बात करती हैं तो निश्चित रूप से इससे दूसरी महिलाओं को भी स्ट्रॉन्ग रहने और अपनी समस्याओं पर बात करने की इंस्पिरेशन मिलती है. इससे पहले तापसी ´नाम शबाना´ और ´पिंक´ जैसी फिल्मों में काम किया है.