हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी के बीच तनाव की स्थिति है. पिछले कुछ दिनों से दोनों दलों के बीच उचाना कलां सीट समेत कई मसलों पर टकराव और अलग राय दिखी है. इस बीच राज्य के 4 निर्दलीय विधायकों की भाजपा के साथ मीटिंग हुई है. इन विधायकों ने राज्य के भाजपा प्रभारी बिप्लब कुमार देब से मुलाकात की है. बिप्लब देब ने मीटिंग के बाद बताया कि हरियाणा के इन 4 निर्दलीय विधायकों धरम पाल गोंडर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भरोसा जताया है. भाजपा नेता ने कहा कि हम डबल इंजन सरकार के दौर में राज्य को विकास की दिशा में ले जा रहे हैं. इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही. भाजपा और जजपा ने साथ मिलकर 2019 में सरकार बनाई थी. तब जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बनाए गए थे. इनेलो से अलग होकर पार्टी बनाने वाले दुष्यंत चौटाला के भाजपा के साथ आने से पार्टी को भरोसा था कि वह जाट समुदाय में अपनी पैठ बना सकेगी. हालांकि जिस तरह से किसान आंदोलन राज्य में चला था और फिर पहलवानों के मूवमेंट से माहौल बना है, उसमें भाजपा की राह थोड़ी मुश्किल हुई है. यही वजह है कि फिलहाल जननायक जनता पार्टी भी भाजपा के साथ जाने से बच रही है. फिलहाल भाजपा और जजपा दोनों ने ही 2024 के विधानसभा या फिर लोकसभा के चुनाव में साथ मिलकर लड़ने का कोई ऐलान नहीं किया है. हाल ही में जब दुष्यंत चौटाला से पूछा गया था कि भाजपा के लोग तो अकेले ही चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं तो उन्होंने कहा था कि मैं कोई ज्योतिषी तो नहीं हूं कि भविष्य के बारे में बता सकूं. उनके इस बयान से साफ था कि दोनों दलों में चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर कोई सहमति नहीं है. यही नहीं हरियाणा में पार्टी के विस्तार को लेकर भी चौटाला के भाजपा से मतभेद हैं. चौटाला ने हाल ही में कहा था, ´क्या हमें अपने संगठन को 10 सीटों तक ही सीमित कर लेना चाहिए? ऐसा नहीं हो सकता? क्या भाजपा सिर्फ 40 सीटों पर ही चुनाव लड़ने के लिए राजी हो जाएगी? ऐसा नहीं होगा. दोनों ही दल 90 सीटों पर चुनाव की तैयारी में हैं. ´