नई दिल्ली. ISRO के मिशन चंद्रयान-2 को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है. खास बात यह है कि खुलासा दक्षिण राज्य से नहीं बल्कि ओडिशा से किया गया है. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से जो बात सामने आई उसके मुताबिक चंद्रयान-2 को 95 नहीं बल्कि 98 फीसदी सफलता मिली है. हालांकि लैंडर विक्रम से अभी संपर्क नहीं हो पाया है. गलती कहां हुई है इस पर भी रिसर्च चल रही है. उससे संपर्क बनाने के लिए सभी प्रकार के प्रयास जारी हैं. लैंडर विक्रम के बारे में तथ्य मिलने के बाद अगला कदम उठाया जाएगा. इसरो चीफ के. सिवन ने मीडिया से कहा है कि आगे भी हमें आर्बिटर के बारे में बहुत कुछ तथ्य मिलने की हमें उम्मीद है. ऑर्बिटर के 8 पुर्जे सही तरह से कर रहे कामचन्द्रयान-2 को लेकर जो बात सामने आई उसके मुताबिक फिलहाल आर्बिटर की कार्य दक्षता बहुत अच्छी है. खास बात यह है कि आर्बिटर के 8 पुर्जे बिलकुल सही सलामत हैं और ठीक से काम भी कर रहे हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऑर्बिटर के जरिये आगे कई तथ्य मिलते रहेंगे. यही नहीं इसरो अध्यक्ष के मुताबिक वर्ष 2020 के अंत तक भारत का मानव सहित अंतरिक्ष अभियान जिसका नाम गगनयान रखा गया है वो भी शुरू हो जा रहा है. यही नहीं लैंडर विक्रम को लेकर भी अहम बात सामने आई है. इसके मुताबिक लैंडर विक्रम अब भी 98 फीसदी काम कर रहा है. ISRO को उम्मीद है कि आने वाले वक्त में लैंडर विक्रम से संपर्क होने की उम्मीद है. दरअसल जब चांद पर 14 दिन वाली रात खत्म होगी तो एक बार फिर सूरज निकलेगा और सौर ऊर्जा से लैंडर विक्रम चार्ज हो सकता है. यानी अक्टूबर महीन में उम्मीद जताई जा सकती है कि लैंडर विक्रम को लेकर एक अच्छी खबर सुनने को मिले. आपको बता दें कि चांद पर 21 सितंबर को पूरी तरह रात हो जाएगी.