गुरुग्राम: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में रैपिड मेट्रो (Rapid Metro) रेल सेवा के संचालन को लेकर सुनवाई हुई. मामले में जानकारी देते हुए हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से पेश हुए वकील चेतन मित्तल ने बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (DMRC) को रैपिड मेट्रो का संचालन सौंपने के लिए दो जजों की नियुक्ति हाईकोर्ट ने की है. दिल्ली हाई कोर्ट के सेवानिवृत जस्टिस वी के गुप्ता और जस्टिस कैलाश गंभीर संचालन सौंपने की पूरी प्रकिया की निगरानी करेंगे. एक महीने के भीतर इस प्रकिया को पूरा करने के निर्देश देते हुए हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया है. हाईकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार जैन और जस्टिस अरुण कुमार त्यागी की बैंच के निर्देशों के अनुसार इस प्रक्रिया को सोमवार से शुरू करना होगा. वकील चेतन मित्तल ने बताया कि रैपिड मेट्रो पर हुए खर्च को लेकर कंप्ट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल यानि कि कैग द्वारा ऑडिट की जाएगी. ऑडिट के बाद जो रकम निकलेगी उसका भुगतान रैपिड मेट्रो को किया जाएगा. फिलहाल रैपिड मेट्रो रेल सेवा में हुए खर्च को लेकर भी काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. रैपिड मेट्रो का संचालन रही कंपनी से जुडे मामले की जांच ईडी भी कर रही है और गुरुग्राम पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में भी एफआईआर दर्ज है. वकील मित्तल ने बताया कि हाईकोर्ट ने इस मामले का निपटारा कर दिया है लेकिन साथ ही छूट दी है कि अगर दोनों प्रतिवादियों को एक महीने के बाद भी कोई आशंका रहती है तो वह दोबारा हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं. फिलहाल रैपिड मेट्रो पर हर रोज़ सफर करने वाले 60000 लोगों के लिए राहत की खबर है कि मेट्रों की सेवाएं बंद नहीं होंगी. हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने डीएमआरसी को इस प्रोजेक्ट को 5 साल के लिए चलाने की सहमति दे दी है. रैपिड मेट्रो के आपरेशनस, मेनेटेनेंस, कंट्रोल और पोज़ेशन को डीएमआरसी को सौंपने की प्रक्रिया सोमवार यानि कि 23 सितंबर से 2 जजों की निगरानी में शूरू हो जाएगी. बता दें रैपिड मेट्रो सेवा देने वाली कंपनी रैपिड मेट्रो रेल गुडगांव साऊथ लिमिटेड आर्थिक संकट के कारण अपनी सेवा आगे जारी रखने में सक्षम नहीं हो पा रही थी. वित्तीय संकट से जूझ रही कंपनी आइएल एंड एफएस इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने रैपिड मेट्रो के अधिग्रहण के लिए हरियाणा सरकार को भी लिखा था, जिस कारण माली वित्तिय हालत के चलते कंपनी ने अपनी सेवा 9 सितंबर से बंद करने का निर्णय लिया था. इसके बाद हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में निर्देश देने की मांग की थी.