बंगाल : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के छठे चरण की 43 सीटों पर 306 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं, जिनक राजनीतिक भाग्य का फैसला जनता आज कर रही है. इस चरण में बीजेपी और टीएमसी के बीच ही नहीं बल्कि कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन की साख दांव पर लगी है. इसके साथ ही बीजेपी के मुकुल रॉय, टीएमसी मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक और चंद्रिमा भट्टाचार्य जैसे प्रमुख नेताओं की अग्निपरीक्षा तो शांतनु ठाकुर के भाई सुब्रत ठाकुर के भाग्य का भी फैसला होना है.
पश्चिम बंगाल के छठे चरण में चार जिलों की 43 सीटों पर मतदान हो रहा है. इनमें दिनाजपुर जिले की सभी 9 सीटें, नादिया जिले की 17 में से 9 सीटों, उत्तर चौबीस परगना की 33 में से 17 सीटों और बर्धमान जिले की 24 में 8 सीटों पर वोटिंग हो रही है. इन जिलों का समीकरण देखें तो यहां मतुआ समुदाय का अच्छा प्रभाव है और उन्हें रिझाने के लिए बीजेपी और टीएमसी ने अपना पूरा जोर लगा रखा है.
मुकुल रॉय और उनके बेटे की साख दांव पर
कृष्णनगर उत्तर विधानसभा सीट पर टीएमसी छोड़कर बीजेपी में आए मुकुल रॉय मैदान में है, जिनके खिलाफ टीएमसी से कौशानी मुखर्जी चुनाव लड़ रही हैं. मुखर्जी जानी-मानी टॉलीवुड एक्ट्रेस भी हैं. हालांकि, यह सीट मुकुल राय की परंपरागत सीट मानी जाती है, 20 साल के बाद इस सीट पर वो दोबारा से चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने उतरे हैं.
वहीं, बीजपुर विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार मुकुल रॉय का बेटा शुभ्रांग्शु रॉय हैं, जिनके खिलाफ टीएमसी से सुबोध अधिकारी किस्मत आजमा रहे हैं. शुभ्रांग्शु ने 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी की टिकट पर जीत हासिल की थी. लेकिन बाद में अपने पिता की तरह ही वो भी बीजेपी के साथ जुड़ गए थे. इस बार उन्हें टीएमसी और लेफ्ट दोनों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.