7 दिन में सरकारी बंगला खाली करने का आदेश, आनंद शर्मा बोले- पूर्व सांसद को चपरासी से कम पेंशन मिलती है

नई दिल्ली : लोकसभा की एक समिति ने पूर्व सांसदों को एक हफ्ते में लुटियंस दिल्ली में सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश दिया है. लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा बैठक में फैसला हुआ है कि तीन दिनों में पूर्व सांसदों के सरकारी आवासों के बिजली, जल और गैस के कनेक्शन काट दिए जाएंगे. लोकसभा के 200 से ज्यादा पूर्व सदस्यों ने अब तक अपने सरकारी बंगले खाली नहीं किए हैं.  

इसी पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ´प्रधानमंत्री! 7 दिनों में आवास खाली करने का पूर्व सांसद के लिए आपका फरमान कठोर, मनमाना और भेदभावपूर्ण है. पूर्व सांसद को चपरासी से कम पेंशन मिलती है. सरकार के सचिव छह महीने के लिए आवास रखते हैं. ´

एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, ´मैं आपसे सीधा सवाल पूछता हूं: क्या आप चाहते हैं कि भारतीय सांसद अमीर और भ्रष्ट हो? लोगों या कॉर्पोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रतिनिधित्व करें. ईमानदार लोगों के पास समर्थन करने के लिए परिवार हैं. आप पाखंडी हो रहे हैं. ´ 

नियमों के अनुसार पूर्व सांसदों को पिछली लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर अपने-अपने बंगले खाली करने थे. लोकसभा चुनाव में जीतने वाले नवनिर्वाचित सांसद अस्थायी आवास में रह रहे हैं. कई पूर्व सांसदों ने 16वीं लोकसभा के भंग होने के दो महीने बाद भी सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं.  

17वीं लोकसभा में 260 से अधिक सांसद हैं, जो पहली बार निचले सदन के लिए चुने गए हैं, जिनमें क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, सूफी गायक हंसराज हंस और बंगाली अभिनेत्रियां मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां शामिल हैं.  

Web Title : ORDER TO VACATE GOVERNMENT BUNGALOW IN 7 DAYS, ANAND SHARMA SAYS FORMER MP GETS PENSION LESS THAN PEON

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