स्कूलों में सीसीटीवी लगाए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल, सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार

राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों के क्लासरूम में डेढ़ लाख (1. 5 लाख) सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ दायर अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया. याचिकाकर्ता का कहना था कि इससे बच्चों की निजता का उल्लंघन होगा, उन पर मानसिक दबाव बढ़ेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. दरअसल, याचिका में राज्य सरकार के इस फैसले का यह कहकर विरोध किया गया है कि इससे छात्र-छात्राओं की निजता का हनन होगा. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की आशंका से सहमति जताते हुए पूछा था कि क्यों न इस पर तुरंत रोक लगा दें?

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जवाब देने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया था. इस याचिका में कहा गया है कि अगर क्लासरूम में कैमरा होंगे तो लाइव स्ट्रीमिंग फुटेज से बच्चों पर मानसिक दबाव रहेगा.

गौरतलब है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारी है. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. कम राशि के टेंडर डालने वाली कंपनी का नाम भी सामने आ चुका है. इस परियोजना का काम लेने के लिए तीन कंपनियों ने भाग लिया है. जिसमें भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड, टाटा ग्रुप की तासे व टैक्नोसिस सिक्योरिटी लिमिटेड शामिल हैं.

बताया जा रहा है कि टैक्नोसिस सिक्योरिटी कंपनी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं में सीसीटीवी कैमरे आदि लगाने का काम कर चुकी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में 18 सितंबर को दिल्ली कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी. इसके तहत दिल्ली सरकार के 1028 सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. सरकार द्वारा स्कूलों में 1 लाख 46 हजार 8 सौ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं. इसका मकसद विद्यार्थियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है. इसके लिए 597. 51 करोड़ की अनुमानित राशि निर्धारित की गई है.


Web Title : SUPREME COURT REFUSE ON HEARING PETITION FILLED AGAINST CCTV INSTALLED IN CLASSROOMS

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