बाईक चोरियां रोकेगा रूद्र नारायण मुखर्जी का डिवाइस

धनबाद : देश में आज कल  मोटरसाईकिल चोरी  होना आम बात हो गई है और अक्सर  बिना पुक्ता इंतजाम  के बाइक चोरी रोकी नहीं जा  जाती है.

इससे निजात पाने के लिए झारखंड धनबाद के बलियापुर स्थित सिन्दुरपुर गांव के रहने वाले एक ग्रामीण वैज्ञानिक रूद्र नारायण मुखर्जी ने ऎसी तकनीक बनाई जो आपकी बाइक की सुरक्षा के साथ-साथ दुर्घटना होने पर आपके परिजनों को इसकी खबर भी पहुंचाएगा.

डिवाइस का नाम है  "रूद्र द प्रोटेक्टर "

रूद्र नारायण  मुखर्जी ने ऎसी तकनीक बनाई है जो महज 500  रूपए की लागत से किसी भी बाइक  में फिट की जा सकता  है और ये जादुई डिवाइस  एक नहीं बल्कि तीन खुबियों से लैस है . यानि आपकी और आपके बाइक की सुरक्षा ये डिवाइस करेगी.

उसमें एक सेंसर लगाने के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से मोबाइल को कनेक्ट किया गया है. यानि एक मोबाइल गाडी के अंदर मौजूद रहेगा और उसकी फिक्वेंसी बाइक  से जुडी होगी. यानि चाह कर भी बाइक चोर  बिना डिवाइस को बंद किये  गाडी स्टार्ट नहीं कर सकेगा.

ऎसे में यह चोरों से भी सुरक्षित रहेगी. दूसरी खासियत है कि बाइक सवार दुर्घटना के बाद जैसे ही जमीन पर नीचे गिरेगा बाइक  में लगा सेंसर ऑटोमैटिक सक्रिय होकर घर वालों को मोबाइल के जरिये कॉल करेगा.

यानि आपदा के समय यह डिवाइस  खुद सुरक्षा प्रहरी का काम करेगा . तीसरा खूबी हेंडल के टूटते ही यानि लॉक को अनलॉक करने पर यह डिवाइस सक्रिय होकर तुरन्त 10 सेकेण्ड में बाइक मालिक को कॉल करगा और दूसरी ओर बाइक में लगा हूटर निरंतर बजता रहेगा जबतक न

बाइक में लगा गुप्त स्वीच को बंद नहीं किया जाता है. यानि तीब्र ध्वनी की तरफ लोगो का ध्यान खिचेगा ये डिवाइस जिससे बाइक चोरीयां बंद हो सकती है. 

रूद्र ने इससे पहले भी बहुत सारी  डिवाइस बनाया जिसमे प्रमुख - दामिनी थे प्रोटेक्टर, रेलवे सेफ्टी डिवाइस ,एक्सीडेंट  इन्फोर्मार हेलमेट आदि है.

गौरतलब है कि महज ग्रेजुएशन पास ग्रामीण वैज्ञानिक रूद्र मुखर्जी ने बाइक  के अंदर जिस तकनीक का इस्तेमाल किया है वह किसी भी इंजीनियरिंग छात्र के लिए शोध का विषय हो सकता है.

रूद्र आर्ट्स के स्टूडेंट होते हुये भी बिज्ञान को जीते है. रूद्र के पास बड़ी-बड़ी डिग्रीयां नहीं है सायद इसलिए भी जिला प्रशासन और राज्य सरकार से कुछ भी प्रोत्साहन या सम्मान अभी तक  नहीं मिला.

रूद्र का कहना है की  सबसे दुखद बात है कि में झारखंडी हूँ, सायद इसलिए मुझे सब अनसुना करते हे.

मुझे किसी भी सम्मानजनक पुरस्कार की लालसा नहीं, बल्कि देश को एवं देशवासियों की सुरक्षा हेतू नये-नये उपकरण बनाने की इच्छा रखता हूँ .

पिता अशोक कुमार मुखर्जी से प्रेरणा मिली है की जिन्दगी मौज-मस्ती और समय का दुरपयोग करना नहीं”, जिन्दगी में नाम एक बार मिलता है और उस नाम को ऊँचा करने का मकसद होना चाहिए.

Web Title : RUDRA NARAYAN MUKHERJEE DEVICE WOULD PREVENT BIKE THEFTS