मुंबई: डिजिटल पेमेंट को देशभर में बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन ठगों ने इसे अपनी जेब भरने का नया माध्यम बना लिया है. जिसकी मदद से वह लोगों को ठगने का काम करते हैं. मुंबई में डिजिटल पेमेंट एप के जरिए धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है, जहां एक बैंकर को डिजिटल पेमेंट एप के जरिए 87 हजार रुपए की चूना लग गया. दरअसल, इनवेस्ट बैंकिंग एनालिस्ट राधिका पारे ने यूपीआई आधारित डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान करके तीन बीयर ऑनलाइन खरीदी थी, जिसके कारण उन्हें चूना लगा. खबरों के मुताबिक राधिका ने बीयर खरीदने के लिए गूगल सर्च की मदद ली थी. उन्होंने स्टार वाइन शॉप के लिए गूगल पर रजिस्टर्ड एक कॉन्टैक्ट नंबर पर फोन किया था. जिसके बाद स्टोर के कर्मचारी ने उन्हें गूगल पे के माध्यम से 420 रुपए का भुगतान करने को कहा और उनकी यूपीआई आईडी पूछा. जब राधिका ने अपनी आईडी बताई तो उन्हें गूगल पे पर पेमेंट की रिक्वेस्ट मिली, जिसे एक्सेप्ट करते ही उनके अकाउंट से 29,001 रुपए कट गए. जब उन्होंने इसकी शिकायत उसी नंबर पर की तो फोन पर बात कर रहे शख्स ने उनसे माफी मांगी और कॉल रखते ही उनके अकाउंट से 58 हजार रुपए और कट गए. इस तरह से उनके अकाउंट से कुल 87 हजार रुपए कटे. राधिका पारेख ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस जब दुकान पर पहुंची तो पता चला की जिस नंबर पर राधिका ने कॉल की थी वह दुकान के मालिक का नहीं था पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और इसकी जांच कर रही है. लेकिन ऐसे कई मामला सामने आ चुके हैं, जिसमें ठग लोगों से धोखेबाजी कर उनके बैंक अकाउंट खाली कर रहे हैं. दरअसल, अपराधी गूगल मैप्स में मौजूद एक ट्रिक का इस्तेमाल कर लोगों को चूना लगाते हैं. गूगल मैप्स पर मौजूद विभिन्न प्लेस की डिटेल्स को एडिट किया जा सकता है. ठग इसका इस्तेमाल करके दुकान या बैंक आदि के कॉन्टैक्ट नंबर को एडिट करके अपना नंबर डाल देते हैं. जिसे लोग बैंक या दुकान का नंबर समझकर उस पर कॉल करते हैं. गौरतलब है कि जब आप किसी स्थान, दुकान या बैंक को गूगल मैप्स पर सर्च करते हैं तो उसकी डिटेल एडिट करने का विकल्प भी नजर आता है. हैकर्स इस विकल्प पर जाकर कॉन्टैक्ट नंबर आदि डिटेल्स को एडिट कर दते हैं. जब लोग उस नंबर पर कॉल करते हैं तो वह बैंक कर्मचारी या दुकान के कर्मचारी बनकर उससे बात करते हैं और उनसे ठगी करते हैं. इस साल मई में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें अनिल पदम सिंह नाम के एक व्यक्ति के डिजिटल वॉलेट से 1 लाख रुपए की चोरी हुई थी. युवक ने नए फोन के ईएमआई के लिए एक फाइनेंस कंपनी को फोन किया था. वहीं ऐसे ही कुछ मामले ओएलएक्स वेबसाइट्स से भी सामने आ रहे हैं. जहां अपराधी ग्राहक या विक्रेता बनकर लोगों से ठगी कर रहे हैं. इसके लिए भी वह डिजिटल पेमेंट प्लेटॉफर्म्स का इस्तेमाल करते हैं. अपराधी लोगों को पेमेंट की रिक्वेस्ट भेजते हैं, जिसके बाद वह उनके बैंक से पैसों की चोरी करते हैं.