जन्‍म कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर व्‍यक्ति के जीवन में आती हैं परेशानियां

सूर्य का जीवन में विशेष महत्‍व है, यह आपके जीवन में प्रकाश लाता है. जन्मकुंडली में मौजूद सूर्य ही व्यक्ति के जीवन में यश, वैभव और सम्मान दिलाने में अहम भूमिका निभाता है. जी हां कुंडली में सूर्य की मजबूत स्थिति होने पर व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है. लेकिन अगर जन्‍म कुंडली में सूर्य कमजोर हो जाएं तो व्यक्ति हमेशा परेशनियों से घिरा रहता है. उसे आंख की परेशानी, परिवार में सदस्यों से मनमुटाव, पिता से संबंध खराब, यहां तक कि ऑफिस में बॉस से संबंध भी बिगाड़ सकता है. क्‍या सच में सूर्य के कमजोर होने से व्‍यक्ति के जीवन में परेशानियां आती हैं और ऐसे में व्‍यक्ति को क्‍या करना चाहिए इस बारे में जनाने के लिए हर जिंदगी ने शनिधाम पीठाधीश्वर विनायक बडोनी जी से बात की तब उन्‍होंने हमें इस बारे में विस्‍तार से बताया. आइए हमारे साथ आप भी इस बारे में विस्‍तार से जानें.

विनायक बडोनी जी का कहना है कि ´´सूर्य यश, वैभव और ऐश्‍वर्या का प्रतीक होता है. जिस व्‍यक्ति का सूर्य कमजोर है, उसके जीवन में अपयश की संभावना बनी  रहती है. उसे जीवन वह मान-सम्‍मान नहीं मिल पाता है, जिसका वह हकदार होता है. मान लीजिए कि सूर्य राजकीय सेवाओं का कारक ग्रह होता है तो वह अच्‍छा काम में कर पाता है उसके काम में बहुत बाधाएं आती है और नौकरी छूट जाने का खतरा बना रहता है. राजनीति के क्षेत्र में सूर्य की प्रबल संभावना रहती है लेकिन जिसका सूर्य खराब होता है वह इन सभी चीजों से वांछित हो जाता है, वह अच्‍छी लीडर नहीं बन पाता है. ´´ 

विनायक बडोनी जी का कहना है कि ´´इसके अलावा जन्‍म कुंडली में सूर्य के कमजोर होने से पर्सनैलिटी में भी बदलाव दिखाई देती है जैसे बालों की समस्‍याएं जैसे बालों का जल्‍दी झड़ जाना, आंखों का कमजोर होना, चश्‍मे का लग जाना, एलर्जी की समस्‍या होना, कॉस्‍मेटिक प्रॉब्‍लम्‍स होती है. एंजाइटी का मरीज बना देता है. सूर्य अगर नीच का होता है तो मुकद्दमे बाजी की संभावना रहती हैं. नीच में भी अगर लगन में बैठा है तो पर्सनैलिटी को खराब करता है, अगर दूसरे घर में बैठा है तो कुटुम्‍ब से उसको दिक्‍कत देता है. अगर तीसरे घर में बैठा है तो पराक्रम भंग कर देता है. चौथे घर में होता है तो माता के कष्‍टकारी होता है. पांचवे घर में होने पर संतान के लिए कष्‍टकारी होता है. छठे घर में होता है तो मुकद्दमे बाजी और आप्ररेशन की संभावना बहुत ज्‍यादा रहती है. सातवे घर में होने तो पति-पत्‍नी के बीच में जबरदस्‍त झगड़ा होता है. अष्‍टम घर में होने पर मृत्‍यु का कारण बनता है. एकादश भाव में होने जन्‍म स्‍थान से दूर विदेश में जाकर सफलता देता है. प्रथम भाव में होने पर पिता के साथ वैचारिक मतभेद देता है. ´´ 

सूर्य आपकी आस्‍थाओं में भगवान हो सकता है, लेकिन एस्‍ट्रोलॉजी के हिसाब से वह एक प्‍लेनेट है ज इंसान पर अपना असर दिखाता है. सूर्य जब कमजोर हो जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है. इसको लेकर अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है. सूर्य को मजबूत बनाने के लिए आप कलर थेरेपी की ओर जा सकते हैं या अपने धर्म और आस्‍था के हिसाब से पूजा कर सकते हैं. जब सूर्य कमजोर महसूस होने लगे तो सूर्य को सुबह नहाकर पूजा करने के बाद जल अर्पित करना चाहिए. ऐसा रेगुलर करने से सूर्य को मजबूत कर सकती है.  



Web Title : PROBLEMS IN THE LIFE OF A PERSON WHEN THE SUN WEAKENS IN THE BIRTH CHART

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