हरतालिका तीज 2019: कब और कैसे रखें तीज व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

आस्था - हरतालिका तीज व्रत कब है? इसे लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कुछ लोग इस साल हरतालिका तीज 1 सितंबर को मनाए जाने की बात कह रहे हैं तो कुछ 2 सितंबर को. विशेषज्ञों की मानें तो इस बार हरतालिका तीज व्रत 1 सितंबर को रखना ज्यादा उचित रहेगा क्योंकि भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ये व्रत किया जाता है. साल 2019 में यह तिथि 1 सितंबर दिन रविवार को सुबह 8 बजकर 26 मिनट पर लग रही है जिसकी समाप्ति 2 सितंबर को सुबह 4 बजकर 56 मिनट पर हो जाएगी. जिस लिहाज से 1 सितंबर को व्रत रखना ज्यादा उत्तम रहेगा. तीज का त्यौहार खास तौर पर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ इलाकों में मनाया जाता है.

हरितालिका तीज शुभ मुहूर्त –  तीज रविवार, 1 सितम्बर, 2019 को
प्रातःकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त – 08:27 ए एम से 08:34 ए एम
अवधि – 00 घण्टे 07 मिनट्स
प्रदोषकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त – 06:39 पी एम से 08:56 पी एम
अवधि – 02 घण्टे 17 मिनट्स

ऐसे रखें व्रत – रविवार को सुहागिन महिलाएं प्रातः भोर में किसी सरोवर में या घर पर स्नान कर व्रत करने का संकल्प लें. इस व्रत को निर्जला रखा जाता है यानी कि व्रत के पारण से पहले पानी की एक बूंद भी ग्रहण करना वर्जित है. इस व्रत का पारण अगले दिन होता है. लेकिन कुछ महिलाएं व्रत वाले दिन ही शाम के समय शुभ मुहूर्त में पूजा कर जल के साथ-साथ फलहार ग्रहण कर लेती हैं. और फिर अगले दिन अन्न ग्रहण किया जाता है. ये आप पर निर्भर करता है कि व्रत कैसे करना है.

हरतालिका तीज की पूजन विधि – हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष काल यानी कि जब दिन-रात मिलते हैं. हरतालिका तीज के दिन शिव-पार्वती की पूजा होती है. पूजा से पहले शाम के समय फिर से स्‍नान कर साफ और सुंदर वस्‍त्र धारण करें. इस दिन सुहागिन महिलाएं नए कपड़े पहन सोलह श्रृंगार करती हैं. महिलाएं तैयार होने के बाद पूजा घर में गीली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश की प्रतिमा बनाएं. दूध, दही, चीनी, शहद और घी से पंचामृत बनाएं. सुहाग की सामग्री मां पार्वती को अर्पित करें. शंकर भगवान को भी वस्त्र अर्पित करें. हरतालिका व्रत कथा को सुनें. इसके बाद गणेश जी की और फिर माता पार्वती की आरती उतारें. भगवान की परिक्रमा करें. फिर अगले दिन सुबह स्‍नान करने के बाद माता पार्वती का पूजन करें और उन्‍हें सिंदूर चढ़ाएं. ककड़ी और हल्‍वे का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद ककड़ी खाकर व्रत का पारण यानी कि व्रत खोल लें. सभी पूजन सामग्री को किसी सुहागिन महिला को दान दें.

Web Title : HARTALIKA TEEJ 2019: WHEN AND HOW TO KEEP TEEJ VRAT? LEARN SHUBH MUHURAT AND POOJA METHOD

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