श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महोत्सव के चौथे दिन बालक ध्रुव के चरित्र का वर्णन 

पटना : श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महोत्सव, गायत्री मैरैज हाल बजरंगपुरी, गायघाट पटना सिटी मे कथावाचक श्री राकेश शास्त्री जी द्बारा भागवत सप्ताह का चतुर्थ दिवस पर भगवान के लीला स्वरूप का वर्णन करते हुए बालक धुर्व के चरित्र का वर्णन किया. बालक धुर्व अपनी सौतेली माँ सुरुचि से तृष्कृत होकर अपने पिता से भी बड़ा पद प्राप्त करने की ईच्छा से जंगल में निकल जाते है, जहां उनकी मुलाकात नारद जी से होती है. नारद जी उनको कृष्ण मंत्र प्रदान करते है.

सभी देवताओ ब्रह्मा जी की ईच्छा से भगवान वालक धुर्व के सामने प्रकट होते है. धुर्व लोक के राज्य प्रदान करते है, आज जो धुर्व लोक है वह वालक धुर्व के नाम पर है. आध्यात्मिक चेतना का अभियान है, भागवत कथा.

इस अवसर पर आचार्य श्री केशव भारती दास जी अध्यक्ष इस्कॉन देहरादून, संजय कुमार सिंह निरोगधाम अलावलपुर पटना, भागवतकथा आयोजन समिति के रामाकांत गिरि, मनोज सिंह, प्रताप नारायण दास, मुन्ना सिंह, नरेश कुमार, अवधेश कुमार सिन्हा, दिनेश कुमार,प्रेम, संजय कुमार, शशि सिंह, दिलीप कुमार झुन्न, देव प्रकाश गिरि,विकास कुमार, मिथलेश सिन्हा उपस्थित थे.

Web Title : DESCRIPTION OF THE CHARACTER OF LAD DHRUV ON THE FOURTH DAY OF SRIMEBHAGWAT KATHA GYAN MAHOTSAV

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