पटना : मानसून देर से मेहरबान हुआ लेकिन इतना ज्यादा हो गया कि अब पानी गले तक आ गया है. पिछले पांच दिनों से यूपी और बिहार में हो रही भारी बारिश से बिहार तो जैसे कोईं प्राचिन शहर बन गया है जो प्रलय के पानी में डूब गया हो. वहीं यूपी में पिछले पांच दिनों में 111 लोगों की मौत हो गई है जिसके बाद यह आंकड़ा 170 तक पहुंच गया है. इस साल देश पर मानसून इतना मेहरबान हुआ है कि पिछले 25 सालों का रिकॉर्ड तोड़ डाला. आमतौर पर 30 सितंबर को बिदा होने वाला मानसून 1961 के बाद पहली बार 10 अक्टूबर को बिदा होगा. इस विदाई से पहली इसने इतनी तबाही मचा दी है कि उससे निपटते लंबा समय लगेगा. बिहार की तस्वीरें देखें तो भयानक नजर आती है. लोगों के घरों में कमर तक पानी घुसा हुआ है और राहत और बचाव की लागातर कोशिशों के बीच पानी उतरने का इंतजार हो रहा है. चारों तरफ पानी है लेकिन पीने के पानी को लोग तरस रहे हैं वहीं रोजमर्रा की चीजें भी नहीं मिल रही. पटना समेत बिहार के अधिकांश हिस्सों में भले ही बारिश कम की रफ्तार कम हो गई हो लेकिन जो पानी भरा हुआ है उसकी वजह से लाखों लोग अब भी जलकैदी बने हुए हैं. बारिश से हर शख्त परेशान है. घरों में पानी भरने की वजह पटना में आफत की बारिश के चलते उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और लोकगायिका शारदा सिन्हा अपने घरों तक कैद रहे. सोमवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने दोनों को पानी में डूबे उनके घरों में से उन्हें निकाला. बारिश की वजह से आई बाढ़ में पूरे बिहार में 16. 56 लाख लोग घिरे हुए हैं. सबसे बुरी स्थिति पटना में है, जहां सोमवार को 11 हजार लोगों को जलकैद से मुक्त कराया गया. राज्य में वर्षा और जलजनित हादसों में अब तक 40 की जान गई है, जबकि रविवार से सोमवार तक 13 लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बाढ़ की स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक की और जलजमाव वाले क्षेत्रों से तेजी से पानी निकालने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार गुजरात व महाराष्ट्र में बारिश का दौर मंगलवार से घटने लगेगा. 30 सितंबर को औपचारिक रूप से वर्षाकाल खत्म हो गया, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में मानसून अब भी सक्रिय है. यह 10 अक्टूबर के आसपास से बिदा होगा. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1994 के बाद इस बार देशभर में मानसून सामान्य से 110 फीसदी बरसा है, जो एक रिकॉर्ड है. इस साल देश के अधिकांश राज्यों में बाढ़ आई. 96-104 फीसदी बारिश का आंकड़ा सामान्य मानसून दर्शाता है. 2018 में देश में सामान्य से कम वर्षा हुई थी. बीते 19 मानसून सीजन में 18 में सामान्य से कम वर्षा हुई थी.