रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं. बीजेपी मंडल कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रचार को रफ्तार देने के लिए ´घर-घर रघुबर´ का उद्घोष दिया है. ये बात अलग है कि इस उद्घोष को लेकर विवाद का साया भी मंडरा रहा है. राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री सरयू राम ने इस नारे पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि हाल फिलहाल के सभी चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और ब्रांड को आगे रखकर ही पार्टी को भारी कामयाबी मिली. बता दें कि झारखंड में विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में होने हैं. ये ´डोर टू डोर´ मुहिम लोगों से संपर्क बढ़ाने और उन तक रघुबर सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने के लिए है. बीजेपी कार्यकर्ता इस संपर्क अभियान में मतदाताओं से रघुबर दास को एक और कार्यकाल देने के लिए आशीर्वाद की भी मांग करते हैं. पार्टी प्रवक्ता राजेश शुक्ला ने इंडिया टुडे को बताया, ´राज्य को पहले मुश्किलों और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था. मुख्यमंत्री रघुबर दास ने राज्य के हक में स्थिति को बदल डाला. रघुबर दास के कार्यकाल में सारी नीतियां, रणनीति और योजनाएं सकारात्मक नतीजे लेकर आईं. झारखंड शिक्षा के केंद्र (हब) के तौर पर उभरा. 7 नए निजी विश्वविद्यालय खुले जिससे कि छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं रही. इसी कार्यकाल में AIIMS देवघर के लिए बुनियाद का पत्थर रखा गया. वो जेंडर बजट लाए, कृषि बजट लाए. इसके अलावा केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के तहत भी बहुत अच्छा काम हुआ. उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत अभियान, खुले में शौच से मुक्ति (ODF) और पीएम आवास योजना सभी लाभार्थियों की उम्मीदों पर खरे उतरे. ये डबल इंजन (केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार) पुश की वजह से ही संभव हो सका. मोमेंटम झारखंड से एक लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिला. ´हालांकि, राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री सरयू राम ने ´घर घर रघुबर´ नारे का विरोध किया है. उनका कहना है कि ये आधिकारिक नारा नहीं है. सरयू राम के मुताबिक, हाल के सभी चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे और ब्रांड पर लड़े गए हैं. मोदी लहर से पार्टी को बंपर समर्थन मिला. सरयू राम ने दिल्ली बीजेपी मुख्यालय का नाम लेते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं को पार्टी के निर्देशों का ही पालन करना चाहिए.