पति से इंसाफ के लिए कोर्ट की शरण में पहुंची IAS की पत्नी, धनबाद में नगर आयुक्त के पद पर हैं कार्यरत

रामगढ़ : रामगढ़ में आईएएस चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की पत्नी ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि शादी के एक वर्ष बाद एक बच्चा होने के बाद से उनके पति दुधमुंहे बच्चे और उन्हें छोड़कर चले गए.
 कश्यप की पत्नी ने इंसाफ के लिए मुख्यमंत्री से लेकर कई आला अधिकारियों तक गुहार लगाई. लेकिन उनके आईएएस पति का दिल नहीं पसीजा. थक हार कर गीताली वर्मा ने रामगढ़ न्यायालय की शरण ली है.

बता दें कि आईएएस चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप धनबाद के नगर आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं. वर्ष 2010 में पहली पत्नी की मौत इनकी शादी पलामू में एसडीओ रहते 8 दिसंबर 2010 को मंदिर विकास समिति श्री राधा कृष्ण मंदिर (रेडमा ठाकुरबाड़ी ) रांची रोड रेड़मा मेदिनीनगर (पलामू) के गायत्री मंदिर में हुई. जिसके बाद सबकुछ ठीक चला एक साल बाद एक बच्चा भी हुआ, लेकिन आईएएस पति को यह रास नहीं आया और पत्नी और दुधमुंहे बच्चे को मायके रामगढ़ के भुरकुंडा रीवर साइड छोड़ दिया और पत्नी को पिछले 8 सालों से दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर कर दिया.

जिसके बाद मजबूर होकर आईएएस की पत्नी ने अपने पति चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप से लेकर मुख्यमंत्री और आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बाद में थक-हार कर पत्नी ने 2017 में न्यायालय की शरण ली. गीताली वर्मा ने आरोप लगाया कि वे हर जगह न्याय की गुहार लगाकर थक चुकीं हैं. पिछले 9 वर्षों से किसी तरह अपना जीवन काट रही हैं. उनके पति ने धमकी दी है कि वह इस तरह के 10 केस लड़ लेगें अगर यहां हार भी हुई तो सुप्रीम कोर्ट तक केस लड़ेंगे. इस दौरान वे अपनी आपबीती सुनाते हुए फफक-फफक कर रो पड़ीं.

गढ़वा के एसडीओ चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप ने हिंदू रीति रिवाज से डाल्टेनगंज के गायत्री मंदिर में 8 दिसंबर 2010 को रीवर साइड भुरकुंडा की गीताली वर्मा से शादी की. परिवार के नजदीकी संबंधी और चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की ओर से अशोक सम्राट (तत्कालीन कृषि पदाधिकारी खूंटी ) की उपस्थिति में ये शादी हुई थी. उस समय चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप की पहली पत्नी की मृत्यु के एक साल हो चुके थे. उनके 3 बच्चे भी थे. बच्चों के कारण वह उसे अपने घर रांची नहीं ले गए.

गीताली वर्मा ने कहा कि उनके पति चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप मायके में ही आना-जाना करते थे. मायके में मेरे और मेरी मां वृद्ध मां के अलावा कोई नहीं रहने के कारण वह मेरी मजबूरी का नाजायज फायदा उठाते रहे. मेरे पति मुझ को बच्चा नहीं होने देने की हिदायत भी देते थे. 2011 में गर्भवती हुई. इसे सुनकर मेरे पति काफी नाराज हुए और फरवरी में पुत्र जन्म के बाद उन्होंने नाता ही तोड़ दिया. रामगढ़ कोर्ट पहुंचे धनबाद के नगर आयुक्त चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप न ही कैमरे के सामने आए और न ही मोबाइल उठाया, कैमरा देख वे भाग खड़े हुए.
Web Title : THE WIFE OF IAS, WHO ARRIVED AT THE COURT HOUSE FOR JUSTICE FROM HER HUSBAND, IS WORKING AS CITY COMMISSIONER IN DHANBAD

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