झारखण्ड- जामताड़ा को दुमका जिले से अलग करके नया जिला बनाया गया था. इसके उत्तर में देवघर, पूर्व में दुमका, पश्चिम में बंगाल और दक्षिण में धनबाद, प. बंगाल और पश्चिम में गिरिडीह जिला है. जामताड़ा देश में साइबर क्राइम का गढ़ माना जाता है. यहां के साइबर क्रिमिनल के निशाने पर देश की कई बड़ी हस्तियां तक आ चुकी हैं. जामताड़ा का इतिहास संथाल परगना से अलग नहीं है. 1855 में इस इलाके को ब्रिटिश जंगलेटेरी (जंगली तराई) कहते थे. इसमें संथाल परगना, हजारीबाग, मुंगेर और भागलपुर आते थे.
जामताड़ा के करमाटांड़ में ही बांग्ला लिपि और बांग्ला भाषा के पितामह कहे जाने वाले ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए. करमाटांड में वे केवल संथालों के साथ रहे ही नहीं बल्कि उन्होंने उनके सामाजिक उत्थान के लिए भी काफी प्रयास किया. उन्होंने संथाल की लड़कियों के लिए सबसे पहला औपचारिक विद्यालय प्रारम्भ किया जो शायद हमारे देश का संभवत: पहला औपचारिक बालिका विद्यालय था. विधवा विवाह के लिए बड़ा काम किया. उन्हीं के प्रयास से सरकार ने विधवा विवाह को मान्यता दी.
जामताड़ा में भारतीय जनता पार्टी पिछली बार 2005 में विधानसभी चुनाव जीती थी. तब यहां से भाजपा के विष्णु प्रसाद भैया विधायक थे. 2009 में विष्णु प्रसाद भैया ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से चुनाव लड़ा. विधायकी जीत भी ली. लेकिन 2014 में कांग्रेस के इरफान अंसारी ने भाजपा के बिरेंद्र मंडल को 9137 वोटों से हराकर विधायक की कुर्सी पर कब्जा कर लिया. अब इस बार देखना ये है कि झामुमो और कांग्रेस क्या मिलकर भाजपा को चुनावी संग्राम से बाहर करती हैं या सीट गंवाती हैं?
2011 की जनगणना के अनुसार जामताड़ा की कुल आबादी 791,042 है. इसमें से 404,830 पुरुष और 386,212 महिलाएं हैं. जिले का औसत लिंगानुपात 954 है. जिले की 9. 6 फीसदी आबादी शहर और 90. 4 फीसदी ग्रामीण इलाकों में रहती है. जिले की औसत साक्षरता दर 64. 59 फीसदी है. पुरुषों में शिक्षा दर 63. 79 फीसदी और महिलाओं में 43. 51 फीसदी है.