402 रेल इंजन का निर्माण कर चिरेका का नाम गिनीज बुक में दर्ज : नेपाल चक्रवर्ती

रिपोर्ट, गुलज़ार खान 

सलानपुर/ चितरंजन : एसिया का सबसे बड़ा समेत स्वतंत्र भारत का पहला रेल इंजन कारखाना(चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्कस) चित्तरंजन की अस्तित्व पर केंद्र सरकार तथा रेलवे बोर्ड ने कालिख पोतने का काम किया है. 2018-19 वित्तिय वर्ष में हमलोगों ने अपनी कड़ी मेहनत से यहाँ 402 इंजन निर्माण कर पूरे पृथ्वी पर इतिहास रच दिया है.  

उक्त बातें चिरेका बचाओ जॉइंट ऐक्शन कमिटी सदश्य नेपाल चक्रवर्ती ने कही उन्होंने कहा कि यहाँ कार्यरत  साढ़े ग्यारह हजार रेल श्रमिकों की सराहनीय योगदान से यह कृतिमान गिनीज बुक दर्ज हुआ है. जिसके इनाम स्वरूप आज केंद्रीय सरकार 7 रेलवे प्रोडक्शन यूनिट निजीकरण करने जा रही है. रायबरेली से जितने वाली सांसद सोनिया गांधी वहाँ की रेल यूनिट को बचाने के लिए पार्लियामेंट में लड़ाई कर रही है. और हमारे आसनसोल से जितने वाले सांसद बाबुल सुप्रियो चिरेका के विषय पर मौन धारण किया हुआ है.  

उन्होंने कहाँ आगामी दिनों में आंदोलन और लड़ाई की रूपरेखा तय करते हुए चिरेका कर्मी समेत लाखो की संख्या में चितरंजन रेलवे स्टेशन के पास रेल चक्का जाम किया जायेगा. इस लड़ाई में बाराबनी विधायक बिधान उपाध्याय समेत जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने भी सहयोग करने का अस्वासन दिया है.  

मौके पर जॉइंट एक्शन कमेटी के एस एन सिंह, निर्मल मुखर्जी, एसके लाहा, सोमेन दास, एस के साही, केएम पांडेय, आशीश मुखर्जी, अशोक चौधरी, पी के बंधोपाध्याय, पिन्टु पांडैय, सुभाष चटर्जी, अर्नेन्धु मुखर्जी, दिपांकर भट्टाचार्य, एससी ब्रम्हा, देव सोरेन मुर्मू, आरपी तिवारी, वाई भगत, तापष घोष, सपन लाहा, सोमनाथ राय, इंद्रजीत सिंह, दिपांकर सरकार, गुलाव यादव, आशीष मुखर्जी, ए बेरा, सैलेन विस्वास सहीत युनियन के कार्यकर्ता सहीत अन्य लोग मौजूद थे. गौरतलब हो कि सरकार व रेल बोर्ड ने चित्तरंजन लोकोमोटिव वकर्स (चिरेका), इंटर्गल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), डीजल लोकोमोटिव वकर्स (डीएलडब्लु).




 

Web Title : CHIREKAS NAME RECORDED IN GUINNESS BOOK BY PRODUCING 402 LOCOMOTIVES: NEPAL CHAKRABORTY

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