अल्जाइमर के लिए चीन ने बनाई दवाई, 17 साल बाद पहली बड़ी रिसर्च

बीजिंग : भूलने की बीमारी अल्जाइमर से लड़ने के लिए चीन ने एक दवाई को मंजूरी दी है. इस दवाई को शंघाई की कंपनी ने बनाया है जो कि अपने आप में पहली बार तैयार हुई है. इस दवा को अगले महीने से आम लोगों के लिए शुरू किया जाएगा. पिछले सत्रह साल में इस क्षेत्र में पहली बड़ी रिसर्च की है.

चीन के नेशनल मेडिकल प्रोडक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने बयान में इस दवाई ‘ओलिगोमैनेट’ नाम की इस दवाई को बाजार में उतारने की मंजूरी दी. ट्रायल के दौरान इस दवाई ने शुरुआती 4 हफ्ते में ही मरीज पर असर दिखाना शुरू कर दिया था. करीब दो दशक की मेहनत के बाद इस दवाई को बनाया गया है.

स्थानीय एजेंसियों के अनुसार, दिसंबर से इस दवाई को बाजार में उतार दिया जाएगा. गौरतलब है कि अभी दुनिया में अल्जाइमर से लड़ने के लिए कोई दवाई नहीं है, लेकिन चीन ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है.

ग्रीन वैली ने अपने बयान में कहा है कि शुरुआत में इसे सिर्फ लोकल ही बेचा जाएगा, बाद में अमेरिका, एशिया और यूरोप के देशों में भी उपलब्ध कराया जाएगा.

ग्रीन वैली चीन की बड़ी रिसर्च कंपनियों में से एक है, जो कि मेडिकल साइंस में कार्यरत है. पिछले कई सालों से चीन कोशिश कर रहा है कि मेडिकल साइंस में बड़ा निवेश करे और अपने देश में कुछ नई दवाईयों को उत्पादन करे.

आपको बता दें कि चीन में अल्जाइमर से पीड़ित करीब 1 करोड़ लोग हैं, जो दुनिया में सर्वाधिक आंकड़ा है. जबकि दुनिया में ये संख्या 5 करोड़ से अधिक है. इस दवाई को वाली कंपनी ने ट्रायल के दौरान 818 मरीजों पर इस दवाई को चेक किया.

Web Title : CHINA MADE MEDICINE FOR ALZHEIMERS, FIRST MAJOR RESEARCH AFTER 17 YEARS

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