मार्च महीने में दूसरी बार सबसे गर्म हुई धरती, दक्षिणी व मध्य यूरोप में औसत से ज्यादा रहा तापमान

अंटार्कटिका की समुद्री बर्फ पिघलने के साथ ही इस बार धरती मार्च महीने में रिकॉर्ड दूसरी बार सबसे गर्मी हुई. इसके कारण दक्षिणी ध्रुव के समुद्र यानी अंटार्कटिका महासागर में जमी बर्फ पिघलने लगी. यूरोपियन यूनियन की क्लाइमेट मॉनिटरिंग एजेंसी ने  कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की एक रिपोर्ट में यह दावा किया है.  

यह रिपोर्ट दुनिया भर के सैटेलिट्स, जहाजों, विमानों और मौसम केंद्रों से अरबों मापों का उपयोग करके कंप्यूटर-जनित विश्लेषणों पर आधारित है. इसमें कहा गया है कि मार्च के दौरान धरती पर तापमान दक्षिणी और मध्य यूरोप में औसत से ऊपर और उत्तरी यूरोप के अधिकांश हिस्सों में औसत से नीचे था.  

इस बार मार्च महीने में उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण-पश्चिमी रूस, एशिया, उत्तर पूर्वी उत्तरी अमेरिका, सूखाग्रस्त अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया और तटीय अंटार्कटिका सहित दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्से औसत से बहुत अधिक गर्म थे. इसके उलट, मार्च के ही महीने में पश्चिमी और मध्य उत्तरी अमेरिका औसत से अधिक ठंडे रहे.

बर्फीले इलाकों में 28 प्रतिशत तक घटा स्तर

कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की ओर से कहा गया है कि बर्फीले इलाकों में ठंडे का स्तर घटकर 28 प्रतिशत तक कम हुआ है. अंटार्कटिका समुद्री बर्फ का विस्तार 45 साल के सेटेलाइट डेटा रिकॉर्ड में मार्च के दौरान दूसरी बार सबसे कम था.

अंटार्कटिका में दूसरे साल सबसे कम बर्फ

अंटार्कटिका की समुद्री बर्फ लगातार दूसरे साल अपने सबसे न्यूनतम स्तर तक पहुंच गई है. वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि अगर हालात यही रहे तो आने वाला समय तबाही ला सकता है. अंटार्कटिका में समुद्री बर्फ आमतौर पर सितंबर में अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंच जाती है.

Web Title : EARTH WARMEST FOR SECOND TIME IN MARCH, SOUTHERN AND CENTRAL EUROPE RECORD ABOVE AVERAGE TEMPERATURES

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