ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकल पाएगा पाकिस्तान, शुक्रवार को फैसला

नई दिल्ली : पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा. कार्रवाई से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान दो चीजों को हासिल करने की कोशिश कर रहा था. पहला ग्रे लिस्ट से बाहर निकलना और दूसरा ब्लैकलिस्ट होने से बचना. पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने वाली अपनी कोशिश में विफल रहा, क्योंकि इसके लिए 15 वोटों के समर्थन की जरूरत है, लेकिन ब्लैकलिस्ट होने से वो बच जाएगा. इसमें सिर्फ 3 वोटों की आवश्यकता थी.

चीन, मलेशिया और तुर्की पाकिस्तान के साथ हैं. ऐसे में वह ब्लैकलिस्ट होने के खतरे से बच जाएगा. हालांकि पाकिस्तान का विषय अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन एशिया/प्रशांत समूह (APG) या एशिया-प्रशांत संयुक्त समूह (APJG) जैसी बैठकों में इस पर चर्चा की गई है.

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख, आर्थिक मामलों के विभाग के मंत्री हम्माद अजहर शुक्रवार को बयान दे सकते हैं. शुक्रवार को ही पाकिस्तान के भविष्य पर फैसला होगा. एक ओर जहां चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की, वहीं, भारत ने इस दलील पर इस्लामाबाद को ब्लैकलिस्टि करने की सिफारिश की है.

36 देशों वाले एफएटीएफ चार्टर के अनुसार, किसी भी देश को ब्लैकलिस्ट नहीं करने के लिए कम से कम तीन देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है. बता दें कि पाकिस्तान फिलहाल ´ग्रे लिस्ट´ (वॉच लिस्ट) में है और वो इससे बाहर आने की कोशिश में जुटा है. एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई पूरी करने के लिए उसे अक्टूबर तक का समय दिया है.



Web Title : PAKISTAN NOT TO EXIT GREY LIST, DECISION ON FRIDAY

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