नाजुक दौर से गुज़र रही है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, आइएमएफ से पैकेज लेकर फंसा कर्ज के दलदल में

पाकिस्तान : खस्ताहाल हो चुकी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पिछले हफ्ते ही 6 अरब डॉलर के पैकेज को मंजूर किया है. इसे आईएमएफ का बेलआउट पैकेज यानी राहत पैकेज कहा जा रहा है. लेकिन अब पाकिस्तान में ही इसे लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं और कई जानकार यह कहकर आलोचना कर रहे हैं कि यह वास्तव में पाकिस्तान में कोई राहत पैकेज नहीं है, बल्कि इसे लेकर पाकिस्तान एक तरह के दुष्चक्र में फंस गया है.  

पाकिस्तान के कई इकोनॉमिस्ट मान रहे हैं कि यह एक तरह का दुष्चक्र है, यानी आगे फिर पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज लेना पड़ेगा और अर्थव्यवस्था को स्थायी तौर पर कोई राहत मिलने वाली नहीं है. पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार, वहां के कई इकोनॉमिस्ट यह मान रहे हैं कि इससे अर्थव्यवस्था को कोई स्थ‍िरता तो मिलेगी नहीं, बल्कि ग्रोथ यानी आर्थिक तरक्की के मोर्चे पर ही और बलिदान करना पड़ेगा.  

संरचनात्मक समायोजन कार्यक्रम को आईएमएफ की एग्जीक्यूटिव बॉडी द्वारा जुलाई में औपचारिक तौर पर मंजूरी दी जाएगी. जानकारों का कहना है कि इससे पाकिस्तान में महंगाई और जरूरी सेवाओं की दरों में और इजाफा हो जाएगा.  

गौरतलब है कि यह 1988 के बाद पाकिस्तान को मिलने वाला 13वां राहत पैकेज होगा.  


Web Title : PAKISTANS ECONOMY IS UNDER A CRITICAL STAGE, WITH A PACKAGE FROM THE IMF STUCK IN A DEBT QUAGMIRE