UN में दलाई लामा का मुद्दा उठाएगा अमेरिका, चीन ने कड़ा ऐतराज जताया

नई दिल्ली : अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में दलाई लामा का मुद्दा उठाने की योजना बनाई है. चीन ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अमेरिका से उसके आंतरिक मामले में दखल न देने की अपील की है. चीन का कहना है कि अगले दलाई लामा के चयन में उसका रोल अहम है न  कि किसी अन्य देश का.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन का वीटो पावर है. इसे देखते हुए वह दलाई लामा पर लाए गए किसी भी प्रस्ताव को गिरा सकता है. इसके बावजूद अमेरिका का कहना है कि दलाई लामा के मुद्दे पर अन्य देशों को संयुक्त राष्ट्र में आवाज उठानी चाहिए. अमेरिकी राजदूत सैम ब्राउनबैक ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा, मुझे लगता है कि इस पर बातचीत होना बहुत जरूरी है क्योंकि यह वैश्विक प्रभाव वाला मुद्दा है.

ब्राउनबैक की इस टिप्पणी पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ´संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मंच है. ´ शुआंग ने कहा, अमेरिका चीन के आंतरिक मामले में दखल देने के लिए संयुक्त राष्ट्र का उपयोग कर रहा है. यह यूएन चार्टर के खिलाफ है. उन्होंने कहा, यह योजना विफल है और दुनिया के विरोध को भड़काने वाला है. गेंग शुआंग ने कहा कि 14वें दलाई लामा राजनीतिक निर्वासन में हैं और धर्म की आड़ में विदेशों में चीन विरोधी गतिविधियां चलाते हैं. चीन दलाई लामा के साथ किसी भी विदेशी अधिकारियों के संपर्क का कड़ा विरोध करता है.

बता दें, अमेरिकी राजदूत सैम ब्राउनबैक ने कुछ दिन पहले धर्मशाला में दलाई लामा से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि दलाई लामा के अगले उत्तराधिकारी के चयन में तिब्बती लोगों का अधिकार है. रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) के हवाले से ब्राउनबैक ने कहा, ´दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन तिब्बती बौद्ध सिस्टम और तिब्बती नेताओं से जुड़ा मामला है. इसका किसी और से संबंध नहीं है न ही किसी सरकार से. ´

84 साल के दलाई लामा की तबीयत को देखते हुए उनके उत्तराधिकारी की तलाश तेज हो गई है. 1959 में चीनी शासन के खिलाफ तिब्बती विद्रोह के बाद से ही दलाई लामा निर्वासित चल रहे हैं और फिलहाल उनका डेरा धर्मशाला में है. चीन अगले दलाई लामा के चयन पर अपना एकाधिकार जताता रहा है.

Web Title : U.S., CHINA EXPRESS STRONG OBJECTION TO DALAI LAMAS ISSUE AT UN

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