अमेरिका में ट्रेड डील कर सकते हैं पीएम मोदी, आईफोन जैसे कई उत्पाद होंगे सस्ते


नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 27 सितंबर तक अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं. इस दौरान वह चर्चित ´हाउडी मोदी´ सहित कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे. इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापारिक समझौता हो सकता है जिससे भारत में आयातित आईफोन जैसे कई उत्पाद सस्ते हो सकते हैं.

छह दिन के इस दौरे के दौरान पीएम मोदी अमेरिका के ह्यूस्टन, टेक्सास और न्यूयॉर्क शहरों की यात्रा करेंगे. बिजनेस स्टैंडर्ड ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि इस दौरान भारत-अमेरिका अपने लंबित व्यापारिक मसलों को सुलझाने के लिए समझौता कर सकते हैं.

इस समझौते के पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए करीब एक साल से काम चल रहा है और दोनों देशों के व्यापारिक अधिकारी करीब छह बार मिल चुके हैं. भारत से यह उम्मीद की जा रही है कि वह कोरोनेरी स्टेंट कीमत पर लगे अंकुश में कुछ नरमी लाएगा. इसके अलावा अमेरिका से आने वाले कुछ हाई एंड मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, आईफोन जैसे कुछ सूचना और संचार टेक्नोलॉजी से जुड़े उत्पादों के आयात पर टैक्स में कमी की जा सकती है. इससे भारत में आईफोन की कीमतों में और कमी हो सकती है.

इसके बदले में अमेरिका भारतीय वस्तुओं पर ´रेसिप्रोकल टैक्स´ लगाने के अपने आक्रामक रुख को नरम कर सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पहले यह आरोप लगा चुके हैं कि भारत ´उच्च टैरिफ वाला देश´ है, खासकर हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिलों के संदर्भ में उन्होंने यह बात की थी. भारत पर ऐसा कोई टैक्स लगाने से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध खराब हो सकते थे. चीन-अमेरिका में पहले से ही तनातनी चल रही है, ऐसे में अमेरिका अब भारत से भी अपने संबंध खराब करने का जोखिम नहीं ले सकता.

अमेरिका ने भारत की उस जीएसपी (Generalised System of Preferences) सुविधा को खत्म कर दिया है, जिसके तहत भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में ड्यूटी फ्री एक्सेस हासिल है. इसके बाद भारत ने अमेरिका के कई महत्वपूर्ण उत्पादों पर आयात कर बढ़ा दिए. अमेरिका के 44 प्रभावशाली सांसदों ने हाल में ट्रंप प्रशासन से भारत को जीएसपी व्यापार कार्यक्रम में बरकरार रखने की मांग की है.

ट्रंप प्रशासन ने जून महीने में भारत को ´जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंस´ (जीएसपी) से बाहर कर दिया था. जीएसपी के तहत, भारत को अमेरिका के साथ व्यापार में तरजीह मिलती थी. अमेरिका ने GSP की शुरुआत 1976 में की थी. इसका मकसद विकासशील देशों में आर्थिक ग्रोथ को बढ़ावा देना था. इसके तहत चुनींदा सामान के ड्यूटी-फ्री या मामूली टैरिफ पर दूसरे देशों को अमेरिका में निर्यात की अनुमति दी जाती है.

भारत अब अमेरिका के लिए कच्चे तेल का खरीदार भी बन गया है. फिलहाल अमेरिका दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है. इसलिए उसे भारत में बड़ी संभावना दिख रही है. साल 2017 में पहली बार भारत में अमेरिका से कच्चा तेल आयात होकर आया था. इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम ने अमेरिका से 20 लाख बैरल कच्चा तेल मंगाने का ऑर्डर दिया है.

Web Title : U.S. TRADE DEAL CAN MAKE MANY PRODUCTS LIKE PM MODI, IPHONE WILL BE CHEAPER

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