दुनिया का सबसे बड़ा IPO का इंतजार हुआ खत्म, भारतीय इस तरह से कर सकेंगे निवेश

दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको (Saudi Aramco) के आईपीओ का निवेशक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. अब यह निवेश के लिए खुल गया है. यह दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है. कंपनी का वैल्यूएशन करीब 1. 7 लाख करोड़ डॉलर (करीब 122 लाख करोड़ रुपये) किया गया है और आईपीओ से यह 25. 60 अरब डॉलर  (करीब 1834 अरब रुपये) की रकम जुटने की उम्मीद कर रही है. इस आईपीओ में भारतीय भी निवेश कर सकते हैं.

17 नवंबर को खुले इस आईपीओ में भारतीय निवेशक 28 नवंबर तक निवेश कर सकते हैं, जबकि सऊदी के निवेशक 4 दिसंबर तक निवेश कर पाएंगे. शेयर कीमत 5 दिसंबर को तय होगी. इसके बाद कंपनी के शेयर सउदी टाडावुल एक्सचेंज (Saudi Tadawul Exchange) में 11 दिसंबर से खरीद फरोख्त के लिये उपलब्ध होंगे.

भारत में रिलायंस सबसे बड़ी कंपनी है जिसका बाजार पूंजीकरण करीब 9. 33 लाख करोड़ रुपये है, इस हिसाब से देखें तो अरामको रिलायंस से 13 गुना बड़ी कंपनी है जिसका वैल्यूएशन अगर रुपये में आंकें तो 122 लाख करोड़ रुपये होता है. अरामको का 1. 7 लाख करोड़ रुपये का वैल्यूएशन इस हिसाब से चौंकाने वाला आंकड़ा है कि भारत का कुल जीडीपी करीब 2. 6 लाख करोड़ रुपये का है. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पहले इसके लिए 2 ट्रिलियन डॉलर का वैल्यूएशन चाहते थे, लेकिन अब बैंकर्स ने यह साफ किया है कि इतना वैल्यूएशन नहीं मिल पाएगा.

अरामको ने कहा है कि वह अपनी 1. 5 फीसदी हिस्सेदारी यानी करीब 3 अरब शेयर बेचना चाहती है, इसके लिए प्राइस रेंज 30 से 32 रियाल रखा गया है. यानी एक शेयर की कीमत करीब 8 डॉलर या 572 से 611 रुपये के आसपास हो सकती है.

अगर अरामको को अपने टॉप रेंज कीमत पर फंड जुटाने में कामयाबी मिली तो वह 25. 60 अरब डॉलर की रकम जुटा सकती है, यानी वह अलीबाबा के आईपीओ से जुटे 25 अरब डॉलर रिकॉर्ड को तोड़ सकता है. चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा साल 2014 में न्यूयॉर्क में लिस्ट हुई थी.

अरामको के द्वारा दुनिया के करीब 10 फीसदी कच्चे तेल का उत्पादन होता है और यह साल 2018 में दुनिया की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी रही है. कमाई के मामले में इसने अमेरिका की दिग्गज कंपनियों ऐपल इंक, एक्सन मोबिल जैसी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है. पिछले साल कंपनी ने 111. 1 अरब डॉलर की आय हासिल की थी.

भारतीय रिजर्व बैंक के नियम के मुताबिक घरेलू निवेशक लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत एक वित्त वर्ष में अधिकतम 2. 50 लाख डॉलर का विदेश में निवेश कर सकते हैं. इस राशि का इस्तेमाल शेयर खरीदने, डेट सिक्यूरिटी खरीदने आदि के लिए भी किया जा सकता है.

यह निवेश किसी विदेशी ब्रोकर के माध्यम से ही हो सकता है, इसलिए आपको इसके लिए किसी भारतीय शेयर ब्रोकर से संपर्क करना पड़ेगा. इसके अलावा ऐसे म्यूचुअल फंडों/ईटीएफ के द्वारा भी निवेश किया जा सकता है, जो अरब के बाजारों में निवेश करते हों.


Web Title : THE WORLD S LARGEST IPO AWAITED FINISH, INDIANS WILL BE ABLE TO INVEST LIKE THIS .

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