बालाघाट. बालाघाट आज भी विकास के नाम पर काफी पिछड़ा है, कई ऐसी सुविधायें है, जो सालों राज करने वाले जनप्रतिनिधि बालाघाट को नहीं दिला सके है, जिसके कारण आज भी बालाघाट जिला पिछड़ा जिले में ही गिना जाता है, संपदाओं से परिपूर्ण जिले को उसका वह अधिकार जनप्रतिनिधि नहीं दिला पा रहे है, जो उसे मिलना चाहिये था. आज भी बालाघाट जैसे शहर में जाम जैसी स्थिति शहर के बाजार से लेकर रेलवे फाटकों पर नजर आती है, जिससे लोगो को घंटो हलाकान होना पड़ता है, वहीं फाटक पर पुलिस की व्यवस्था नहीं होने से फाटक खुलने के बाद जल्दबाजी में वाहन निकालने की हड़बड़ाहट से दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है. हालांकि सरेखा रेलवे फाटक में एक ओर तो पुलिसकर्मी फाटक बंद होने के दौरान लोगों को अपने साईड पर लगा देते है, लेकिन बैहर रोड की स्थिति काफी खराब है, जहां रेलवे क्रार्सिंग पर पुलिसकर्मी या फिर यातायातकर्मी के नहीं होने से जहां फाटक बंद होने से लंबा जाम लग जाता है वहीं फाटक खुलने पर जाम में फंसे लोगों के एकदूसरे से आगे निकालने की होड़ मच जाती है, जिससे अक्सर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है. जिसको लेकर क्षेत्रीय नागरिकों और पार्षदो ने भी कई बार प्रशासन का ध्यानाकर्षण करवाया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
बालाघाट में ओवरब्रिज की स्वीकृति के बाद ऐसा हो हल्ला मचाया गया था, जैसे कल से काम शुरू ही होने वाला है, उसके बाद तो अखबारों की खबरो मंे ओवरब्रिज के श्रेय को लेकर होड़ मच गई थी लेकिन ओवरब्रिज की स्वीकृति के बाद आज ओवरब्रिज को लेकर क्या अपडेट है, यह किसी के पास नहीं है, इसलिए बालाघाट पूछता है कि आखिर कब ओवरब्रिज बनेगा. क्योंकि ओवरब्रिज नहीं बनने से सबसे ज्यादा रेल परिचालन के दौरान फाटकों के बंद होने से लोगों को घंटो जाम का सामना करना पड़ रहा है. बहरहाल अब नागरिकों का कहना है कि ट्रेन की मांग से ज्यादा अब ओवरब्रिज की मांग होनी चाहिये. क्योंकि अभी तो केवल जिले में ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है तो आने वाली ट्रेनो के दौरान रेलवे फाटक पर जाम के ऐसे हालत है और यदि ट्रेन बढ़ गई तो हर एक घंटे में फाटक बंद होने पर जाम का सामना लोगों को करना होगा.
हालांकि सरेखा और भटेरा रेलवे क्रार्सिंग का ब्रिज तो बजट में स्वीकृत हो गया था लेकिन बैहर रोड का ओवरब्रिज को स्वीकृति नहीं मिली थी. जिससे यहां कब बनेगा यह तो दूर की कौड़ी है लेकिन क्षेत्रीय पार्षद छबिराम नागेश्वर का कहना है कि ट्रेनो की आवाजाही के दौरान फाटक बंद होने से लगने वाले अव्यवस्थित जाम को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस विभाग यहां पुलिस या फिर यातायात विभाग के कुछ कर्मियों को तैनात करें, ताकि फाटक बंद होने के दौरान अव्यवस्थित जाम को व्यवस्थित किया जा सके, वही फाटक खुलने के बाद आगे निकलने की होड़ में वाहनों के भागमभाग की स्थिति न बने. पार्षद छबिराम नागेश्वर ने शहरी क्षेत्र में यातायात विभाग और नगरपालिका की यातायात को व्यवस्थित और जाम जैसे हालातो से निपटने किये जाने वाले उपायो पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि शहर में जो काम यातायात विभाग को करना चाहिये, वह नगरपालिका कर रही है और जो नगरपालिका को काम करना चाहिये, वह यातायात विभाग कर रहा है. जिससे शहर में यातायात अव्यवस्थित नजर आने लगा है. जिस पर ध्यान दिया जायें और बैहर रोड में फाटक के बंद होने के कारण लगने वाले अव्यवस्थित यातायात में सुधार लाने पुलिसकर्मी या यातायात कर्मियों को नियुक्त किया जायें, ताकि व्यवस्था में सुधार हो सके.