सामूहिक गैंगरेप के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास

वारासिवनी. जिले के वारासिवनी के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने 3 वर्ष पूर्व वारासिवनी के एक गांव में युवती के साथ हुए गैंगरेप के मामले में 4 में से 3 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं. वहीं एक आरोपित के नाबालिग होने की वजह से उसका केस बाल न्यायालय में चल रहा हैं.

दरअसल 28 मार्च 2018 को वारासिवनी थानाक्षेत्र के एक गांव में रिश्तेदार के यहां विवाह समारोह में सम्मिलित होने के बाद अपने परिचित के साथ देर रात्रि घर लौट रही युवती को बीच जंगल में पकड़कर उसके साथ बाइक से घर जा रहे युवक को पेड़ से बांधकर युवती के साथ एक नाबालिग सहित 4 युवकों 23 वर्षीय लोकेश सुंदरलाल बिसेन, 23 वर्षीय प्रमोद भूषण बिसेन और महेश मोतीलाल जैतवार ने सामूहिक दुष्कर्म किया था. घटना के बाद चारो आरोपित मौके से फरार हो गए थे. घटना के बाद युवती और उसके परिचित ने डायल 100 को घटित हुई घटना से अवगत कराया जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों से सारी जानकारी एकत्रित कर युवती और उसके परिचित को साथ लेकर विवाह स्थल पहुंचे. जहां पर आरोपितों की तस्दीक कर आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध भादवि की धारा 376, 376 (2)(ए), 384 एवं 506 के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया था. जहां से न्यायालय ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया था. वही एक आरोपी के नाबालिग होने के चलते न्यायालय ने बाल सुधारगृह भेज दिया था. जिसके बाद 3 वर्षो तक चली सुनवाई के बाद सोमवार 26 जुलाई को माननीय प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिवलाल केवट की अदालत ने तीनों आरोपियों पर दोष सिद्ध होने के बाद सभी तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित कर सभी को जेल भेज दिया. वहीं एक आरोपित के नाबालिग होने के चलते उसका केस बाल न्यायालय में लंबित हैं.

मुख्य आरोपित लोकेश कर रहा था इंजीनियरिंग की पढ़ाई

बताया जाता हैं कि घटना का मुख्य आरोपी लोकेश भोपाल में रहकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, जो अपनी रिश्तेदारी में विवाह समारोह के चलते अपने गांव आया था. जहां उसने युवती को विवाह समारोह के बाद देर रात्रि अपने परिचित के साथ बाइक से जाते देख अपने दोस्तों के साथ प्लानिंग कर उनका पीछा कर युवती को गाँव के बाहर जंगल मे रोककर दोस्तों के साथ उसके साथ दुष्कर्म किया था.


Web Title : THREE GANG RAPE ACCUSED SENTENCED TO LIFE IMPRISONMENT