रांची : झारखंड में चौथी विधानसभा के मानसून सत्र के समापन के साथ ही विधानसभा का वर्तमान भवन अपने आप में 19 साल की यादों को समेटे इतिहास बन जायेगा. जब 19 साल पहले झारखंड अलग राज्य बना था, तब विधानसभा के पास अपना भवन नहीं था. लेनिन हॉल को विधानसभा का भवन बनाया गया था. इस भवन ने राज्य का मान और सम्मान बढ़ाया. अब नया भवन बनकर लगभग तैयार है.
रघुवर सरकार भी अपने कार्यकाल की समाप्ति की तरफ अग्रसर हो चुकी है. कुछ विधायक तो ऐसे हैं जो पहली विधानसभा से अब तक लगातार इस सदन का हिस्सा रहे हैं. कई पहली और आखिरी बार इस सदन का हिस्सा बने.
झारखंड विधानसभा का परिसर अगले कार्यकाल से बदल जाएगा. पुराने भवन की यादें विधायकों के साथ जुड़ी रहेंगी. कई विधायक तो पहली बार चुन कर आये और मंत्री बने, तो कुछ यहां मुख्यमंत्री के पद की जिम्मेदारी इसी सदन में निभा चुके हैं. इस सदन ने राज्य के हित में कई फैसले भी दिए. वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष की जम्मेदारी निभा रहे हेमंत सोरेन इसके संरक्षण की मांग भी कर रहे हैं.
झारखंड गठन के बाद से ही अपने दामन में 19 वर्षों का लंबा काल खंड समेटे यह विधानसभा परिसर अब इतिहास बन जाएगा. नए सत्र की अगवानी नए विधानसभा में होगी. झारखंड को जवानी की दहलीज पर लाने वाला परिसर झारखंड की प्रगति का हमेशा द्योतक रहेगा.