मैथन बॉर्डर से नहीं थम रहा प्रतिबंधित मांगुर मछली का कारोबार, रोज हो रहे 6- 8 गाड़ी पारसनाथ रोड लाइंस और मां रोडलाइंस नाम चालान से पास, जिला प्रशासन मौन

निरसा(बंटी झा) : मैथन बॉर्डर से प्रतिबंधित मांगुर मछली का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामले में जिला प्रशासन भी मौन धारण कर चुप्पी साधी है.   वर्तमान समय में प्रत्येक दिन 6 से 8 गाड़ी प्रतिबंधित मछली लदा माँ रोड लाइंस और पारसनाथ रोड लाइंस नाम के फर्जी चलान के सहारे झारखंड में प्रवेश किया जा रहा है. जिसके बाद मैथन ओपी क्षेत्र के मैथन बॉर्डर से गाड़ी बिहार, यूपी, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है. पश्चिम बंगाल से झारखंड में गाड़ी रात हो या दिन कारोबारियों के सहयोग से बिना पुलिस प्रशासन के रोक टोक से मैथन, गल्फरबाड़ी, निरसा गोविंदपुर और धनबाद जिला के सभी थाना ओपी को पार कर मंडियो में पहुचाया जा रहा है.  


जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के कोलकाता के बशीरहाट, नैहटी अन्य कई स्थानों से पिकअप या बड़े गाड़ियों से मांगुर मछ्ली को अन्य राज्यों में भेजने का खेल शुरू होता है. जिसके बाद पश्चिम बंगाल के पानागढ़ या रानीगंज में मछली के पानी को बदला जाता है. गाड़ी के पानी को बदला जाता है. जहां झारखंड बॉर्डर से लोकेशन मिलने के बाद गाड़ी हरी झंडी दी जाती है. फिर  झारखंड में प्रवेश किया जाता है जहां माँ रोड लाइंस नाम और पारसनाथ रोड लाइंस नाम का फर्जी चलान दिया जाता है.


सूत्रों के मुताविक करोबार के मुख्य खिलाड़ी माँ रोड लाइंस चलान के रोशन बर्णवाल और पारसनाथ रोड लाइंस का राज कुमार बखूबी डंके की चोट पर बिना खौफ़ के कारोबार को अंजाम दे रहा है. और लोगों के बीच मौत का ज़हर परोस रहा है. पारसनाथ रोड लाइंस चलान का खेल निमियाघाट से हो रहा है लेकिन मैथन मुकुल पेट्रोल पंप के समीप एक चाय दुकान और संजय चौक के समीप एक ढ़ाबे से गाड़ियों को चलान देने का खेल चल रहा है. प्रत्येक दिन लाखों का खेल झारखंड बॉर्डर से किया जा रहा है. इनदिनों WB 25H 5259,  WB25G 1662 नंबर गाड़ियों से प्रतिबंधित मांगुर मछली कारोबार किया गया है.



ज्ञात हो कि बीते दिन स्थानीय लोगों के सहयोग से ज़हरीली प्रतिबंधित मांगुर लदा ट्रक पकड़ा गया था. खबर वायरल होने के बाद मजबूरन मैथन पुलिस द्वारा कार्यवाही किया गया. धनबाद न्यायालय के आदेश के बाद जिला मतस्य पदाधिकारी की मौजूदगी में मछली को दफना दिया गया.



जिसके कुछ दिन बाद गोविंदपुर पुलिस ने मछली लदा गाडी पकड़ा कार्यवाही हुई. हालांकि दोनों जगह चिरकुंडा के रोशन बर्णवाल पर मामला दर्ज हुआ. बताया जा रहा है प्रतिबंधित ज़हरीली मछली के कारोबार चिरकुंडा बॉर्डर पर रोशन बर्णवाल का डंका बजता है. जो पूरे जिले से लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन के सहयोग से चंद पैसों के कमाई के लिए लोगों को जहर देने का काम कर रहा है.  


वर्ष 2000 के बाद में थाई मांगुर मछली पर बैन लगाया गया था. लेकिन आज भी कुछ लोग अपने मुनाफ़े के लिए लोगो के जान से खेलवाड़ करते है.



जानकारी मुताविक विदेशी मांगुर या थाई मांगुर देखने में काले रंग का होता है. यह चार महीने में ही तीन किलो तक का हो सकता है. यह मांसाहारी प्रकृति का होता है. यह मछली जल में मौजूद किसी भी जीव को खा सकती है. प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पालन दूषित पानी मे किया जाता है दूषित पानी मे तेजी से फैलता है. मुर्गियों के वेस्ट को इसे खिलाने में उपयोग किया जाता है. मुर्गियों का वेस्ट खाने से मांगुर मछली के अंदर लेड और आयरन की मात्रा बढ़ जाती है. यह शरीर के लिए काफ़ी खतरनाक बताया जाता है. इसके खाने से कैंसर, डायबटीज़ जैसे कई  घातक बीमारी होती है. बैन थाई मांगुर मछली ज़हर है जिसे खाने के बाद लोग मौत के मुँह में चले जाते है.


पश्चिम बंगाल से मैथन बॉर्डर के रास्ते झारखंड में प्रवेश करने के बाद भी स्थानीय व जिला पुलिस प्रशासन इसे रोक लगाने में पूरी तरह से फैल है. जहां लोगो का कहना है यह खेल पुलिस प्रशासन के आशीर्वाद से उनके छत्रछाया में होता है. जिस कारण कार्यवाही करने पर धनबाद जिला प्रशासन पूरी तरह से मौन है.