संविदा प्रेरक शिक्षक संघ ने की प्रेरकों की बहाली की मांग, सरकार को याद दिलाया वचन, भीख मांगकर सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर काटा केक

बालाघाट. आज 13 दिसंबर को संविदा प्रेरक शिक्षक संघ ने भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले प्रदेश की कमलनाथ सरकार को उसका संविदा प्रेरक शिक्षको को लेकर दिये गये वचन याद दिलाने के लिए रैली निकाली और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. सरकार द्वारा संविदा प्रेरक शिक्षको की अनदेखी से नाराज प्रेरक शिक्षको ने लोगों से भीख मांगकर विरोध स्वरूप सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर भीख के पैसो से केक खरीदकर केक काटा.  

साक्षर भारत योजना के तहत प्रेरक शिक्षक भर्ती किये गये थे. जिन्हें काफी कम मानदेय पर साक्षर भारत के लिए रखा गया था. जिन्हें मार्च 2018 से कार्य से बाहर कर दिया गया. जिसके बाद से प्रेरक लगातार अपनी बहाली के लिए संघर्ष कर रहे है. विगत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रेरक शिक्षकों से वादा किया था कि यदि सरकार प्रदेश में बनती है तो उन्हें बहाल किया जायेगा और कांग्रेस ने चुनाव में बांटे गये वचन पत्र क्रमांक 47. 29 में वचन दिया था कि सरकार बनते ही साक्षरता संविदा प्रेरकों की मांगो का 6 माह में निराकरण कर दिया जायेगा. पूरे प्रदेश में 23 हजार से ज्यादा संविदा प्रेरक शिक्षक है जिसमें बालाघाट जिले में लगभग 12 सौ संविदा प्रेरक शिक्षक है, जो अपनी बहाली के लिए लगातार सरकार से मांग कर रहे है.

आज 13 जनवरी को एक बार फिर संविदा प्रेरक शिक्षकों ने भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले अपनी बहाली के मांग की आवाज को बुलंद किया. संविदा प्रेरक शिक्षक संघ के जिला संयोजक राजेश लिल्हारे ने कहा कि सरकार संविदा प्रेरक शिक्षकों को दिये गये वचन को भुल गई है. जहां कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनते ही 6 माह के भीतर संविदा प्रेरक शिक्षकों के निराकरण की बात कही थी किन्तु सरकार के एक वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद भी सरकार हमारी मांगो को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने बताया कि एक साल के अंतराल में मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासन तक विभिन्न ज्ञापन के माध्यम से प्रेरक शिक्षक अपनी जायज मांग के निराकरण की मांग कर चुके है लेकिन सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है जबकि कार्य नहीं होने से प्रेरक और उनके परिवार की स्थिति दयनीय बनी हुई है और प्रेरक साथियों का धैर्य अब खत्म होते जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांग का निराकरण जल्द नहीं किया जाता है तो आगामी 5 फरवरी से वह उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

संविदा प्रेरक शिक्षको की बहाली की मांग का समर्थन कर रही भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष राजेश वर्मा ने कहा कि संविदा प्रेरक शिक्षक, वर्षो से साक्षर भारत योजना के तहत कार्य करते रहे है और जिसका परिणाम भी अच्छा रहा है, बावजूद इनके, इन्हें कार्य से अलग कर दिया गया. जिससे संविदा प्रेरक शिक्षक के समक्ष आज भुखो मरने की नौबत आ गई है. सरकार बनते तक इन्हें वचन का भरोसा कांग्रेस ने दिलाया और सरकार बनने के बाद कांग्रेस अपने वचनों को भुल गई है. सरकार ने चुनाव के पूर्व प्रदेश की कर्मचारियों को लेकर जो वचन दिया था, उसमें कोई भी वचन पूरा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सरकार यदि संविदा प्रेरक शिक्षकांे की मांग पर ध्यान नहीं देती है तो भारतीय मजदूर संघ से संबंद्ध सभी संगठन सड़कर पर उतरकर प्रेरक साथियों के हक में आंदोलन करने मजबूर होंगे. उन्हांेने बताया कि आगामी 17 फरवरी को भारतीय मजदूर संघ के आव्हान पर एक बड़ा आंदोलन किया जायेगा. जिसमें जिले के हजारों, हजार कर्मचारी शामिल होंगें, फिर भी यदि सरकार ध्यान नहीं देती है तो 27 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी और सरकार को मांगो को मानने के लिए मजबूर किया जायेगा.


Web Title : CONTRACT MOTIVATIONAL TEACHERS ASSOCIATION DEMANDS RESTORATION OF MOTIVATORS, REMINDS GOVERNMENT OF PROMISES, BEGS CAKES CUT ON COMPLETION OF ONE YEAR OF GOVERNMENT