फोर्स के साथ आमजन का मिला अच्छा सहयोग-विजयसिंह परस्ते, थाने से आरोपी भागने के मामले में हटाये जाने पर बयां किया दर्द, चाय पर की पत्रकारों की चर्चा

बालाघाट. बालाघाट जिले में ट्रांसफर के बाद मुझे डर था कि जिला नक्सली जिला है, जिसके बाद जब बालाघाट जिले के लिए सागर से आने निकले तो सिविल ड्रेस में रिश्तेदार द्वारा मुहैया करवाये गये चालक के साथ वाहन में बैठकर वह जिला पहुंचे थे. इस दौरान वे सिविल ड्रेस और पुलिस के जूतो को पन्नी में बांधकर लेकर आये थे, ताकि रास्ते में कोई मिले तो पता नहीं चले. सहजता से यह बात चाय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्थानांतरित होने के बाद कोतवाली थाना प्रभारी विजयसिंह परस्ते ने कही.  

उन्होंने बताया कि बालाघाट जिले को नक्सली जिला बताकर जो डर यहां आने वालो में रहता है, वह यहां आने के बाद खत्म हो जाता है, इसलिए हर पुलिस अधिकारी को यहां आकर काम करना चाहिये. निरीक्षक विजयसिंह परस्ते ने बताया कि बहेला थाना टीआई और बालाघाट कोतवाली टीआई के रूप में उन्हें अपनी फोर्स, आमजन, थाना अंतर्गत आने वाले ग्रामों, व्यापारियों का अच्छा सहयोग मिला.  

इस दौरान देश के बड़े मुद्दे धारा 370 और 35 ए, तीन तलाक, अयोध्या राम मंदिर फैसला, सीएए और हाल में मध्यप्रदेश में हुए राजनीतिक उलटफेर के दौरान कानून व्यवस्था को वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में बनाये रखने में जो कार्य करने का अनुभव मिला, वह अविस्मरणीय है. गौरतलब हो कि बालाघाट जिले में स्थानांतरण के बाद विजयसिंह परस्ते की पहली पोस्टिंग बहेला थाना टीआई के रूप में हुई थी. जहां उन्होंने 11 महिने 27 दिन अपनी सेवायें दी. जिसके बाद उन्होंने 26 जुलाई 2019 को कोतवाली थाना निरीक्षक के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण किया था. यहां वह 11 महिने 17 दिन निरीक्षक रहे. अपने कार्यकाल के अंतिम दिनो में एनडीपीएस एक्ट के विगत दिनों आरोपी दंपत्ति के फरार होने के मामले में उन्हें विभागीय कार्यवाही का सामना करना पड़ा और उन्हें पद से हटाकर निलंबित करते हुए लाईन अटैच कर दिया गया. जिसके बाद वह कल रिलिव होकर जबलपुर ग्वारीघाट थाना के निरीक्षक के रूप में अपना पदभार संभालंेगे. जहां जाने से पूर्व आज 20 जुलाई को उन्होंने कोतवाली थाना प्रभारी के दौरान मुख्यालय के पत्रकारों से बनाये गये आत्मीय संबंध के कारण चाय पर उनसे अनौपाचारिक चर्चा की और अपनी भावनाओं को पत्रकारों से बयां की.  

उन्होंने बताया कि वह 6 साल सीआईडी, लोकायुक्त सागर, खंडवा और इंदौर में बतौर टीआई काम कर चुके है. जिसके बाद बालाघाट स्थानांतरित होने पर उन्होंने बहेला थाना और कोतवाली थाना की जिम्मेदारी फोर्स और नागरिकों के मिले सहयोग से भलीभांति निभाई. इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के तहत आम जनता की समस्या के निराकरण, सामुदायिक पुलिसिंग के तहत लॉयन आर्डर को संभालने में अपनी पूरी सक्षमता के साथ कार्य किया. उन्होंने कहा कि जिला धान उत्पादक जिला होने के कारण, यहां के अधिकांश लोग खेती से जुड़े है और स्वालंबी है. जिले में अपराध को लेकर उनका मानना है कि यहां संगठित अपराध नहीं है केवल समाज से भटके लोग ही अपराध से जुड़े है, जिसमें नकबजनी और मोटर सायकिल चोरी की वारदातो में वह ज्यादा सक्रिय है. ज्ञात हो कि निरीक्षक विजयसिंह परस्ते के कोतवाली थाना प्रभारी रहते हुए मोटर सायकिल चोरी के साथ ही नकबजनी, अवैध शराब, सहित अन्य अपराधो में पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने में सफलता अर्जित की थी.

उन्होंने बताया कि जिले में कार्य के दौरान उन्होंने कभी राजनीतिक दबाव महसुस नहीं किया. जिले में राजनेता, आम जनता और थाना अंतर्गत आने वाले ग्रामों के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों सहित समय-समय पर होने वाले धार्मिक, राजनैतिक कार्यक्रमों, विरोध प्रदर्शन आयोजनो में कानून व्यवस्था को बनाये रखने में उन्हें कभी कोई कठिनाई महसुस नहीं हुई. उन्होंने बताया कि बालाघाट में प्रेमी, प्रेमिका को लेकर किया गया अपराध और पिता द्वारा पुत्र की हत्या किये जाने के अपराध ने जांच के दौरान उन्हें काफी विचलित किया.  

उन्होंने विगत दिनों एनडीपीएस एक्ट के थाने से आरोपियों के भागने के घटनाक्रम को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि वह रात्रि चार बजे तक थाने में थे और उसके बाद थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों को आरोपियों की निगरानी और सुरक्षा का निर्देश देकर चले गये थे. जिसके बाद उन्हें सुबह पता कि आरोपी भाग गये. जिसमें थाना का मुखिया होने के नाते मेरी जिम्मेदारी फिक्स थी, लेकिन यह अधिनस्थ अमले की लापरवाही थी, जिसका फायदा उठाकर आरोपी दंपत्ति भागने में कामयाब हो गये है, हालांकि बाद में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन पर पुलिस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.  

बालाघाट से स्थानांतरित होने के बाद जिले से रवाना होने से पूर्व उन्हें अनौपचारिक रूप से पत्रकारों से मुलाकात में अपनी भावनाओं और किये गये कार्यो को लेकर पत्रकारों से चर्चा की और कहा कि वह बालाघाट और बालाघाट के पत्रकारों के कभी नहीं भुला पायेंगे. पत्रकारो ने भी कोतवाली थाना प्रभारी रहते हुए उनके किये गये अच्छे कार्यो की सराहना करते हुए उनकी कार्यप्रणाली की मुक्तकंठ से प्रशंसा की. इस दौरान वरिष्ठ पत्रकारों के अलावा युवा पत्रकार साथी भी मौजूद थे.


Web Title : GOOD COOPERATION OF THE PUBLIC WITH THE FORCE VIJAYSINH PARASTE, THE PAIN OF BEING REMOVED IN THE CASE OF AN ACCUSED ESCAPE FROM THE POLICE STATION, THE DISCUSSION OF THE JOURNALISTS ON TEA