बालाघाट में हिन्दु-मुस्लिम सद्भाव: हिन्दु बहन का मुस्लिम भाईयों ने मिलकर कराया विवाह

बालाघाट. भले ही हिन्दु-मुस्लिम के बी खाई बढ़ने के काम हो रहे है, लेकिन बालाघाट ने हमेशा कौमी एकता से अपनी पहचान कायम की है. ईद में हिन्दु भाई मुस्लिम भाईयांे को मुबारकबाद देते है तो दीपावली में मुस्लिम भाई हिन्दुओ को बधाई देते है. बालाघाट ने देश के किसी भी हिस्से में हिन्दु-मुस्लिम तनाव के बीच भाईचारे की मिशाल पेश की है.  

ताजा मामला हिन्दु-मुस्लिम सद्भाव की जीवंत मिशाल है. वार्ड नंबर 03 निवासी सीमा घटकर, गरीब परिवार से आती है, जिसने किसी तरह अपने चार बच्चों का लालन-पालन किया और उन्हें बड़ा किया. जिसमें बड़ी बेटी लता घटकर ने परिवार के बड़े बेटे की तरह फर्ज निभाया और अपनी दो बहनों की विवाह किया और भाई की परवरिश की. परिवार के जवाई बताते है कि परिवार की बड़ी बेटी लता घटकर का भौरगढ़ से आगे महाराष्ट्र के साहूटोला में विवाह तय हो गया था, लेकिन लड़के वालो द्वारा शादी करने के लिए समय तय किया गया तो लड़की वालों की आर्थिक हालत ऐसे नहीं थे कि वह शादी कर सके. जिसकी जानकारी के बाद वार्ड में निवासरत मुस्लिम परिवारो के लोगों ने परिवार से मुलाकात की. जिसमें परिवार ने बताया कि मेहमानों के खाने, डेकोरेशन और दहेज की व्यवस्था में उन्हें दिक्कतें हो रही है. जिसमें वार्ड के सभी मुस्लिम भाईयों कादर रजा, दानिश खान, आतेश खान, शहाबुद्धीन खान, सोहेल खान, फिरोज भाई, अफरोज भाई सहित अन्य मुस्लिम परिवारो ने परिवार को ढांढस बंधाया और उन्हें मुकर्रर तारीख पर विवाह करने की बात कही.  

गत 10 जनवरी को लता घटकर का सामाजिक रितिरिवाज से विवाह कराया गया. जिसमें वार्ड के सभी मुस्लिम परिवार और भाईयों ने ना केवल बारातियों की आवभगत की. बल्कि उनके जनवासे में ठहरने पर नाश्ते पानी से लेकर विवाह के बाद उनके भोजन की संपूर्ण व्यवस्था कर परिवार की बेटी को उपहार भी भंेट किया.  बालाघाट के मुस्लिम समाज के लोगों ने एक गरीब हिन्दु परिवार की बेटी के विवाह का परिवार पर कोई बोझ ना हो, इसके लिए परिवार की आवश्यकतानुसार खर्च उठाकर भाईचारे का संदेश देकर नई मिसाल पेश की. मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा की गई इस प्रकार की पहल की क्षेत्र भर के लोगों द्वारा सराहना की जा रही है.

मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि कादर रजा ने बताया कि परिवार तीन साल पहले, वार्ड में रहने आया था. जिनकी बेटी के विवाह तय होने पर आर्थिक तंगी के कारण विवाह को परिवार द्वारा कैंसल किए जाने की जानकारी हमें पता चली. जिसके बाद वार्ड के मुस्लिम परिवार के लोगों ने लड़की के परिवारवालों से मुलाकात की और उनकी शादी कैंसल करने की वजह को जानने का प्रयास किया. जब परिवार ने हमें अपनी आवश्यकता बताई तो वार्डवासियों ने तय किया कि बेटी के विवाह में जो भी आवश्यकता होगी, उसे हम सभी मिलकर पूरा करेंगे और बीते दिवस बेटी का विवाह, उनके धर्म के रितिरिवाज से हो गया. जिसमें मुस्लिम परिवारों के लोगों ने विवाह में पहुंचे बाराती और घरातियों के विवाह में होने वाले कार्यक्रमों के दौरान हरसंभव ध्यान रखा.


Web Title : HINDU MUSLIM HARMONY IN BALAGHAT: HINDU SISTER MARRIED BY MUSLIM BROTHERS