बच्चों का निःशुल्क जांच परीक्षण एवं ऑपरेशन शिविर,जिला स्वास्थ्य समिति एवं असाटी वैश्य विकास समिति का संयुक्त आयोजन

बालाघाट. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजना राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल ह्रदय उपचार योजना में 00 से 18 वर्ष तक के बच्चों को ह्दय रोग से पीड़ित बच्चों का निःशुल्क जांच परीक्षण एवं ऑपरेशन शिविर का आयोजन जिला स्वास्थ्य समिति एवं असाटी वैश्य विकास समिति द्वारा 20 अगस्त शुक्रवार को नगर के सिंधु भवन गोंदिया रोड बालाघाट में आयोजित किया गया है.

शिविर में हदय रोग से पीड़ित बच्चे निरोगी हो सके, इसी उद्देश्य से आरबीएसके अंतर्गत कलेक्टर दीपक आर्य के निर्देशन में 20 अगस्त शनिवार को सुबह 09 बजे से सिंधु भवन में मुख्यमंत्री बाल ह्दय उपचार योजना के अंतर्गत ह्दय रोग से पीड़ित बच्चों का निःशुल्क जांच परीक्षण नारायण ह्रदयालय मुम्बई, श्री कृष्णा ह्दयालय नागपुर एवं मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर के द्वारा किया जायेगा.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मनोज पांडे ने ऐसे ह्दय रोग से पीड़ित बच्चों को शिविर में आकर लाभ लेने की अपील की है. परीक्षण के बाद चिन्हित बच्चों को शल्य चिकित्सा के लिए निःशुल्क भेजा जायेगा. बताया गया कि अभी तक लगभग 155 बच्चों का पंजीयन कर लिया गया है. शिविर में कार्डियोलॉजिस्ट भी अपनी सेवाएं ईको जांच में देंगे.

हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को मिलेगा लाभ

असाटी वैश्य विकास समिति के अध्यक्ष श्रीकुमार असाटी ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष के ह्दय रोग से पीड़ित बच्चों को योजना के तहत जांच परीक्षण कर सर्जरी कराई जायेगी. शिविर में हर वर्ग के पीड़ित बच्चों का जांच परीक्षण कर निःशुल्क शल्य चिकित्सा के लिए चयनित किया जायेगा. आवश्यकता अनुसार निःशुल्क उपचार मुम्बई, नागपुर, जबलपुर जायेगा.

तीन माह निःशुल्क फालोअप

योजना के तहत हृदय रोग से पीड़ित चिन्हित बच्चों का शासन द्वारा निःशुल्क उपचार किया जा रहा है. बच्चों की सर्जरी के बाद अगले तीन माह तक बच्चों का फालोअप निःशुल्क किया जाता है. फालोअप में तीन माह तक आवश्यक दवाईयां, जांच परीक्षण निःशुल्क दी जाती है. इस दौरान पीड़ित बच्चे के साथ दो व्यक्ति का रहना, खाना भी निःशुल्क रहता है.

ये दस्तावेज जरूरी

जिला शीघ्र हस्तक्षेप प्रबंधक राजाराम चक्रवर्ती ने बताया कि निःशुल्क मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के अंतर्गत 20 अगस्त शुक्रवार को सिधु भवन में सुबह 09 बजे से हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का जांच परीक्षण किया जायेगा. शिविर में चयनित बच्चों को अपने साथ जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, मूलनिवासी प्रमाण पत्र, परिचय पत्र, दो कलर फोटो लाना आवश्यक है.

बच्चों में हृदय रोग की पहचान

सिविल सर्जन डॉ. ए. के. जैन ने बताया कि अब बच्चे भी हृदय रोग से अछूते नहीं रहे. आम तौर पर बच्चों में होने वाले हृदय रोगों को पहचानना कठिन होता है क्योंकि इसके लक्षण बहुत सामान्य होते है. माता-पिता भी बच्चों में हृदय रोगों के लक्षणों की पहचान नहीं कर पाते और समय पर इसकी पहचान नहीं होने के कारण ये रोग गंभीर हो जाते है. अनदेखी के कारण ही ये बीमारियां जीवन के लिए भी खतरा बन जाती है. हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की पहचान बच्चों में बार बार बुखार आना, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी या थकान, होंठ नीले पड़ जाना, एक पैर में सूजन, दिल की धडकन की ताल में परिवर्तन, लगातार या सूखी खांसी, त्वचा पर चकत्ते, अंगुलियां के सिरे मोटे हो जाना ह्दय रोग से पीड़ित की पहचान की जा सकती है.

सात साल की उम्र तक दिखाई देने लगते है लक्षण

बचपन में शारीरिक गतिविधियों का अभाव, मधुमह, उच्च रक्तचाप और रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर का बढना मोटापे का कारण बन सकता है. इस सभी लक्षणों को चिकित्सा विज्ञान की भाषा में मेटाबोलिक सिंड्राम कहा जाता है. इसके कारण उम्र बढने के साथ-साथ हृदय संबधी समस्याएं पैदा होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है. शारीरिक गतिविधियों में भाग नहीं लेने वाले अधिकत्तर बच्चों में सात साल की उम्र तक मेटाबोलिक सिंड्राम का कम से कम एक लक्षण जरूर दिखाई देने लगता है. यह अलग बात है कि माता-पिता इन लक्षणों की पहचान नहीं कर पाते और बच्चा हृदय रोग से ग्रस्त हो जाता है.


Web Title : JOINT ORGANIZING FREE SCREENING TEST AND OPERATION CAMP OF CHILDREN, DISTRICT HEALTH COMMITTEE AND ASATI VAISHYA VIKAS SAMITI