मेडम नहीं तो हम नहीं, ब्लॉक प्रबंधक के स्थानांतरण के विरोध में समूह की हजारों महिलाओं ने बुलंद की आवाज

बालाघाट. विकासखंड से लेकर पंचायत स्तर तक अधिकारियों, पंचों, सचिवों के कार्यों से असंतुष्ट होकर लोग उनके स्थानांतरण की मांग करते हैं, उनका विरोध जताते हैं, लेकिन खैरलांजी विकासखंड में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से जुड़ीं पांच हजार से ज्यादा महिलाएं प्रशासन के उस आदेश के खिलाफ उतर गई हैं जिसमें एनआरएलएम की खैरलांजी ब्लाक प्रबंधक का अन्य ब्लाक में स्थानांतरण किया गया है. मंगलवार को बड़ी संख्या में खैरलांजी ब्लाक की समूह की महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंचीं. उन्होंने ब्लाक प्रबंधक अनुसया बीजेवार का स्थानांतरण रोकने की मांग की. महिलाओं का कहना है कि ब्लाक प्रबंधन ने अपने पांच साल के कार्यकाल में उत्कृष्ट कार्य किया है. उनकी पहल और प्रेरणा से कई गरीब महिलाओं का जीवन स्तर सुधरा है. उन्होंने कई महिलाओं में आत्मनिर्भर बनने का जज्बा पैदा किया, उन्हें समूह से जोड़ा और एक अच्छा जीवन जीने की प्रेरणा दी है. उन्होंने जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए खैरलांजी ब्लाक की पांच हजार से ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है, उन्हें नया जीवन दिया है. ऐसे अधिकारी का अन्य जगह स्थानांतरण उचित नहीं है.  

समूह छोड़ने के लिए तैयार हजारों महिलाएं

अक्सर कलेक्ट्रेट में कर्मचारी या अधिकारी संगठन वेतनमान बढ़ाने जैसी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने पहुंचते हैं, लेकिन आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं ने अपने ब्लाक प्रबंधक को यथावत रखने की मांग को लेकर एसडीएम गोपाल सोनी को ज्ञापन सौंपा. सिंहवाहिनी आजीविका संकुल स्तरीय संगठन, भेंडारा की अध्यक्ष लोकेश्वरी ऐड़े ने बताया कि ब्लॉक प्रबंधक के प्रयासों की नतीजा है कि आज गांव की महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो सकी हैं, जो पहले घर-परिवार के कामों में ही व्यस्त रहती थी, वह आज आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं. ग्राम आरंभा से आईं मालती लिल्हारे ने बताया कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो खैरलांजी ब्लाक की आजीविका मिशन से जुड़ीं सभी पांच हजार से ज्यादा महिलाएं समूह छोड़ देंगी.

कलेक्ट्रेट मुख्य गेट के सामने बैठी रहीं महिलाएं 

सरकार के आदेश के खिलाफ मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचीं महिलाओं ने एकजुटता का परिचय दिया. उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में एसडीएम को ज्ञापन सौंपने के बाद स्थानांतरण आदेश वापस लेने की मांग को लेकर जमकर नारे लगाए. इसके बाद कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार के सामने सभी महिलाएं बैठ गईं. इससे कलेक्ट्रेट आने-जाने वालों को थोड़ी मुश्किल भी हुई. मंगलवार को जनसुनवाई होने के कारण कलेक्ट्रेट में आवेदकों की भीड़ रहती है. ऐसे में इन महिलाओं के गेट के सामने बैठने के कारण कुछ देर अफरा-तफरी जैसा माहौल रहा. हालांकि, कुछ देर बाद महिलाएं गेट के सामने से हट गईं.


Web Title : MADAM, IF NOT US, THOUSANDS OF WOMEN OF THE GROUP RAISE THEIR VOICE AGAINST THE TRANSFER OF THE BLOCK MANAGER