बालाघाट. बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं का अभियान प्रभावी हो गया और बस संचालकों ने सहयोग कर दिया तो निश्चित ही बालाघाट में हेलमेट अभियान शत प्रतिशत ना सही लेकिन प्रभावी साबित होगा. यह हम नहीं लोगों का कहना है. यह सही है कि बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं के कारण व्यापारियों को नुकसान हो रहा है, बिक्री में इसका अंतर पड़ा है. वहीं विवाद की स्थिति अभी तो नहीं है लेकिन विवाद की स्थिति हो सकती है, ऐसेे में पुलिस कार्यवाही का भरोसा, व्यापारियों में जगाना होगा.
हालांकि एसडीएम संदीप सिंह ने 19 अक्टूबर को पंप संचालकों की बैठक लेकर साफ कर दिया है कि बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं के अभियान को प्रभावी बनाना है और हेलमेट नहीं तो पंपों से पेट्रोल नहीं के निर्देश का पालन अक्षरशः करना होगा.
उच्च न्यायालय के निर्देश पर पूरे प्रदेश में इसका सख्ती से पालन दिखाई दे रहा है, बालाघाट जिले में विगत कई दिनों से यह अभियान प्रशासन और पुलिस ने छेड़ रखा है. जिसके बाद से मध्यप्रदेश में दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. बिना हेलमेट के वाहन चालकों को न पेट्रोल मिलेगा और न ही सरकारी कर्मचारियों को ऑफिस में प्रवेश, ऐसे आदेश प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर जारी कर दिये गये है. हेलमेट को लेकर यातायात विभाग लगातार अभियान चला रहा है और नियमों के प्रति वाहन चालकों को सचेत कर रहा है.
हेलमेट को लेकर अभियान को गति देने के लिये एसडीएम कार्यालय में 19 अक्टूबर को जिला परिवहन अधिकारी की मौजूदगी में बैठक ली गई. जिसमें अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया कि जिले में दुपहिया चालकों के लिये हेलमेट लगाना अनिवार्य है और जो भी इस नियम का पालन नहीं करेगा उसपर कार्यवाही की जाये. एसडीएम संदीप सिंह ने कर्मचारियों को निर्देश दिये है कि बिना हेलमेट बाइक चलाने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई बंद नहीं होनी चाहिये. साथ ही प्रशासनिक स्तर से मिले आदेशों का पालन किया जाये और इस कार्य में कोई भी कर्मचारी लापरवाही ना बरते. हमें हेलमेट लगाने के प्रति दुपहिया चालकों को सचेत करना है जिसके लिये जागरूकता अभियान भी निरंतर जारी रहना चाहिये. बैठक में जिला परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाल, यातायात एवं पुलिस विभाग के कर्मचारियों की मौजूदगी रही.