चांदसी दवाखाना पर मेहरबानी क्यों? पहले फर्जी पाए जाने पर क्लिनिक किया गया सील फिर क्लिनिक खोलने की दी अनुमति, शिकायतकर्ता ने की जांच की मांग

बालाघाट. जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरूस्त नहीं होने से झोलाछाप डॉक्टर, इसका फायदा उठा रहे है और ग्रामीण अंचलो में अपना दवाखाना संचालित कर ईलाज के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे है. जिले में चिकित्सीय प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य अमला कितना गंभीर है, इसका पता इसी से चलता है कि मोहगांव में संचालित चांदसी दवाखाना को संचालित करने वाले चिकित्सक को झोलाछाप चिकित्सक बताकर उसके दवाखाने का फर्जी तरीके से संचालित करना पाए जाने पर खंड चिकित्सा अधिकारी, तहसीलदार और पुलिस की मौजूदगी में सीलबंद किया गया. वहीं उसी चिकित्सक को उसी नाम से फिर से क्लिनिक खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गई. चांदसी दवाखाने पर इतनी मेहरबानी को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे है. जिसको लेकर एक शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से लेकर, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के मुख्य सचिव, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और कलेक्टर तक इसकी शिकायत की है, लेकिन उस शिकायत पर जांच, नहीं हो सकी है. आलम यह है कि मानव अधिकार आयोग ने भी इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को 22 नवंबर 2023 को एक पत्र प्रेषित कर शिकायतकर्ता की शिकायत पर न्यायोचित कार्यवाही कर मामले के निराकरण के निर्देश दिए है, जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है.  

ब्यौरावार इस मामले को देखे तो सीएम हेल्पलाईन की एक शिकायत पर 9 नवंबर 2022 को खंड चिकित्सा अधिकारी सुनील सिंह और टीम जांच करने पहुंची थी. जहां टीम ने स्थल निरीक्षण में पाया कि चांदसी दवाखाना के चिकित्सक के पास ना तो चिकित्सा व्यवसाय करने संबंधी दस्तावेज और क्लिनिक संचालन करने की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से जारी कोई अनुमति प्रमाण पत्र था. जिससे टीम ने पाया कि फर्जी तरीके से चिकित्सक क्लिनिक का संचालन कर रहे थे. यही नहीं जांच टीम को यह भी पता चला कि फर्जी तरीके से चिकित्सा व्यवसाय कर मरीजों को ऐलोपैथिक दवा से उपचार किया जा रहा है. जहां एलोपैथिक दवाएं भ्ीा टीम को मिली थी. टीम ने टीप लिखी कि चिकित्सक अपने आर्थिक फायदे के लिए आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है. जिसके बाद टीम ने क्लिनिक को सील कर दिया. बिरसा खंड चिकित्सा अधिकारी इसकी रिपोर्ट 16 नवंबर 2022 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजी गई. जिसके बाद 22 नवंबर को तहसीलदार बिरसा और पुलिस की संयुक्त टीम की उपस्थिति में दवाखाना को सील बंद कर दिया गया. जिसकी जानकारी भी जिले से लोकस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग कार्यालय मंत्री के विशेष कर्तव्यस्थ्य अधिकारी को भेज दी गई.  लेकिन ठीक इसके एक महिने बाद चांदसी दवाखाना के चिकित्सक के 7 दिसंबर 2022 को किए गए आवेदन में इलेक्ट्रो होम्योपैथी से चिकित्सीय कार्य करने की अनुमति मांगे जाने पर 22 दिसंबर 2022 को, अपने पेथी के साथ चिकित्सीय कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी गई.  

एक महिने में ऐसा क्या हो गया कि जिस चिकित्सक के पास एक महिने पहले चिकित्सीय व्यवसाय करने का कोई वैद्य दस्तावेज नहीं था, उसके पास कार्यवाही के एक पखवाड़े में ही ना केवल वैद्य दस्तावेज आ गए और उसके आवेदन पर गंभीरता से गौर कर उसे अनुमति भी प्रदान कर दी गई. जो कई सवाल खड़े करता है और इसमें अनुमति देने वाले अधिकारी की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है. वहीं कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से 8 नवंबर 2023 को जारी पत्र में फिर मोहगांव तहसील बिरसा जिला बालाघाट में चांदसी दवाखाना के चिकित्सक डॉ. एस. के. राय की डिग्री की जांच और निरीक्षण करने पत्र लिखा गया. जिसमें चार सदस्यीय टीम बनाई गई. जिसमें डॉ. मदन मेश्राम, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील सिंह, एएसओ श्रीमती श्रद्धासिंह और रामपायली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में संगणक अकरम मंसुरी की एक संयुक्त टीम गठित की गई. जिस पर क्या जांच हुई और क्या कार्यवाही हुई, यह अभी अस्पष्ट है. जिससे शिकायतकर्ता ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्यवाही की जाए, ताकि आमलोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित हो सके.  


Web Title : WHY BE KIND TO CHANDSI DISPENSARY? CLINIC SEALED AFTER FIRST FOUND FAKE, THEN PERMISSION GIVEN TO OPEN CLINIC, COMPLAINANT DEMANDED INVESTIGATION