वन्यजीव के शिकारी को कारावास

बालाघाट. उत्तर सामान्य वनमंडल के उकवा वन परिक्षेत्र अंतर्गत वन्यजीवका शिकार करने के आरोपी रूपझर थाना अंतर्गत दीनाटोला निवासी 52 वर्षीय गनीराम पिता केवलसिंह मेरावी को वन अपराध का दोषी पाते हुए बैहर न्यायालय के माननीय न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अनुराग खरे की अदालत ने एक वर्ष के सश्रम कारावास और दो हजार रूपय के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है. मामले में अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ऋतुराज कुमरे ने पैरवी की थी.

घटनाक्रम के अनुसार वन परिक्षेत्र उत्तर उकवा सामान्य उत्तर वनमंडल के अंतर्गत अधिनस्थ कर्मचारियों को राजस्व क्षेत्र ग्राम दीनाटोला में 30 अक्टूबर 2013 को रात करीब 09 बजे सूचना मिलने पर आरोपी गनीराम पिता केवलसिंह जाति गोंड के घर पर वनविभाग की टीम ने दबिश दी और उससे पूछताछ की. जिसमें उसने स्वीकार किया कि उसने जंगली सूकर का शिकार उसके खेत मे विद्युत पोल से जी. आई. तार का करेंट लगाकर किया है और मांस को कुछ लोगो को बेचा है. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने उसकी निशानदेही पर वन्यप्राणी जंगली सूकर का शिकार करने प्रयुक्त किये गये जीआर तार, खूंटी बरामद कर उसके पी. ओ. आर. बनाकर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 2, 9, 39, 48ए, 49, 50, 51 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपीगण को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय बैहर में पेश किया गया. प्रकरण में जप्तशुदा वन्य प्राणी के अवशेषों के नमूने परीक्षण पशु चिकित्सक उकवा से कराया जाकर अवशेष परीक्षण के लिए निर्देशक भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजा गया एवं माननीय न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर शेष जप्तशुदा अवशेषों का नष्टीकरण उप वनमण्डल अधिकारी के समक्ष किया गया. विवेचना के दौरान घटना स्थल का नक्शा मौका एवं पंचनामा बनाया गया. मामले में आरोपियों एवं साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये. तत्पश्चात् अन्य आवश्यक अन्वेषण उपरांत आरोपियों के विरूद्ध परिवार पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. विवेचना के दौरान आई साक्ष्य के आधार पर एवं अभियोजन तर्को से सहमत होकर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को कारावास और अर्थदंड की सजा से दंडित करने का आदेश दिया है.


Web Title : WILDLIFE HUNTER IMPRISONED